कोरोना का फर्क: रद्द हुई सीबीएसई परीक्षा पर गुलजार रह रहा जेपीयू

कोरोना का फर्क: रद्द हुई सीबीएसई परीक्षा पर गुलजार रह रहा जेपीयू

सिर्फ विद्यार्थियों के प्रवेश पर रोक जबकि कैंपस के बैंक में भीड़
जेपी विवि प्रशासन को कोरोना का नहीं है भय, कल से होगी परीक्षा
विवि में प्रतिकुलपति, एचओडी समेत आधा दर्जन हो चुके हैं संक्रमित
छपरा। हिन्दुस्तान प्रतिनिधि
कोरोना के कहर को देखते केंद्र सरकार ने सीबीएसई की दसवीं परीक्षा रद्द कर दी है। बारहवीं की परीक्षा को स्थगित करने का एलान कर दिया है। इसके बावजूद जेपी विवि प्रशासन इस इफेक्ट पर कुछ भी रियेक्ट नहीं कर रहा। उसे कोराना का मानो कोई भय नहीं दिख रहा है तभी तो शनिवार से पीजी की परीक्षा की सभी तैयारियां लगभग पूरी की जा चुकी हैं। विवि के प्रशासनिक भवन में मेन गेट पर भले ही ताला लगाकर विद्यार्थियों के प्रवेश पर रोक लगाई गयी है लेकिन कैंपस के अंदर कार्यालयों में 33 फीसदी उपस्थिति का भी पालन नहीं किया जा रहा है इसकी बानगी बिल्डिंग में ही संचालित होने वाले बैंक के काउंटर से देखी जा सकती है। बिना मास्क व कोविड प्रोटोकॉल के खचाखच भीड़ दिख रही है। विवि प्रशासन ने एकदम से पीजी की परीक्षा को संचालित करने की मानो जिद ही पकड़ ली हो। नौकरी बचाने के चक्कर में भले ही कोई शिक्षक, पदाधिकारी व कर्मी बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है लेकिन अंदर ही अंदर भय व दहशत के माहौल में सभी काम कर रहे हैं। जहां प्रतिकुलपति, एचओडी समेत करीब आधा दर्जन अफसर व कर्मी कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं वहां का हाल यह है। हालांकि विवि प्रशासन दावा कर रहा है कि कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन होगा। परीक्षाएं लंबित हं इसलिए परीक्षा को टालना संभवन नहीं
विभिन्न छात्र संगठनों ने विवि की जिद पर दी प्रतिक्रिया
कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए परीक्षा स्थगित करने की मांग की गयी लेकिन विवि प्रशासन ने उसे खारिज कर दिया। इसके बाद विभिन्न छात्र संगठनों के नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए विवि प्रशासन के निर्णय को तानाशाही बताया है।
जदयू छात्र नेता रणवीर सिंह ने कहा कि जल्द ही सारण के कमिश्नर डीएम और सिविल सर्जन से मिलकर पान्डेमिक एक्ट के तहत करवाई की मांग करेगी। छात्र-छात्राओं ेको कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए भारत सरकार ने सीबीएसई जैसे एग्जाम को टाल दिया है लेकिन कुलपति को केवल क्रेडिट बनाने के लिए राजभवन में शिक्षकों छात्र-छात्रा कर्मचारी को जान के जोखिम में डाल रहे हैं। क्योंकि कुलपति पर राजभवन के द्वारा वित्तीय व नीतिगत निर्णय पर रोक है।
सारण प्रमंडल छात्र राजद के अध्यक्ष प्रिंस सिंह ने कहा कि कुलपति अपनी जिद छोड़कर छात्र-छात्राओं के जीवन से खिलवाड़ न करें। जल्द से जल्द स्नातकोत्तर तृतीय सेमेस्टर ,एमबीए, इंजीनियरिंग की परीक्षा को स्थगित कर दें। कुलपति को स्वयं सोचना चाहिए कि जहां एग्जाम आप ले रहे हैं जहां परीक्षा केंद्र आपने बनाया है वहां कई कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। स्नातकोत्तर तृतीय सेमेस्टर का एग्जाम देने सीवान व गोपालगंज के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र से छात्र- छात्रा आएंगे तो संक्रमण की ज्यादा खतरा बनेगी। विश्वविद्यालय प्रशासन को अगर एग्जाम ही लेना है तो विषय वार प्रत्येक कॉलेज में परीक्षा केंद्र को बना देना चाहिए ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी हो सके । जहां परीक्षा केंद्र बनाया गया है वहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होना असंभव है ।
आर एस ए के प्रवक्ता सौरभ कुमार गोलू ने कहा कि कुलपति के तानाशाह रवैया के कारण यहां के गरीब छात्र-छात्राओं की जान को जोखिम में डाला जा रहा है। स्नातकोत्तर तृतीय सेमेस्टर, एमबीए, इंजीनियरिंग का एग्जाम अगर विश्वविद्यालय प्रशासन लेता है । उस दौरान कोई छात्र या छात्रा कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो वह छात्र-छात्राओं पूरा अपना एग्जाम नहीं देगा ।

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