आरटीपीसीआर टेस्ट की धीमी गति कमजोर कर रही कोरोना से जंग

मधेपुरा। कोरोना जांच की आरटीपीसीआर रिपोर्ट में देरी से कोरोना की जंग कमजोर कर रही है। आरटीपीसीआर जांच की रिपोर्ट मिलने में चार से छह दिन तक का समय लग जा रहा है। अभी भी जिले का तकरीबन 1800 सैंपल की रिपोर्ट आनी बाकी है। जिले के आरटीपीसीआर सैंपल की जांच मधेपुरा के ही जन नायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज में की जा रही है। यहां सभी जांच केंद्रों से कलेक्ट सैंपल की जांच के लिए भेजे जाते हैं। मेडिकल कॉलेज में मधेपुरा समेत पांच जिलों की जांच की जा रही है। मेडिकल कॉलेज को इन पांच जिलों के लिए प्रत्येक दिन 25 सौ सैंपल की जांच का लक्ष्य विभाग द्वारा दिया गया है। जबकि सभी पांच जिलों से इससे ज्यादा संख्या में सैंपल जांच हेतु मेडिकल कॉलेज पहुंच रही है। मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक के अनुसार 48 घंटें में रिपोर्ट दी जा रही है। जबकि सच यह है कि चार से छह दिन तक का समय रिपोर्ट आने में लग जा रहा है। आरटीपीसीआर टेस्ट सबसे बेहतर: कोरोना की जांच के लिए अभी रैपिड एंटीजन एवं आरटीपीसीआर टेस्ट उपलब्ध है। इसमे से आरटीपीसीआर टेस्ट को सबसे बेहतर माना जाता है। एंटीजन जांच की रिपोर्ट आधा घंटा के भीतर ही आ जाती है, लेकिन इसकी जांच के पॉजिटिव मामलों को माना जाता है जबकि निगेटिव को पुन: आरटीपीसीआर टेस्ट कराने को कहा जाता है। आरटीपीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट को आखिरी माना जाता है। रिपोर्ट आने तक मरीज रहते लापरवाह कोरोना की जांच कराने वाले संदिग्ध कोरोना मरीज रिपोर्ट आने तक प्रोटोकॉल का पालन नही करते हैं। हल्के फुल्के लक्षण अथवा बिना लक्षण वाले मरीज जांच देने के बाद रिपोर्ट आने तक लापरवाह हो जाते है। वो खुद को क्वारंटाइन नही करते है। बल्कि आम लोगों की ही तरह घूमते फिरते रहते है। जिससे संक्रमण फैलने का डर बना रहता है। वही ऐसे मरीज जिनको परेशानी है वो जांच रिपोर्ट के इंतजार में और परेशान हो जाते है।


पांच जिलों की मधेपुरा में हो रही जांच जन नायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज में अररिया, कटिहार,किशनगंज,सहरसा एवं मधेपुरा की जांच हो रही है।अभी भी यहां इन सभी पांच जिलों के पांच हजार रिपोर्ट पेंडिग है। जिसमे मधेपुरा का लगभग 1800 रिपोर्ट पेंडिग है। रिपोर्ट के इंतजार में बिगड़ गई तबियत गौरीपुर वार्ड नंबर चार के एक व्यवसायी अमित खेतान ने सिंहेश्वर सीएचसी में पहले एंटीजन जांच कराया जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव आयी। लेकिन सर्दी,बुखार का समस्या लगातार बने रहने पर 12 अप्रैल को पुन: सीएचसी में जाकर कोरोना का आरटीपीसीआर टेस्ट करवाया। लेकिन 72 घंटे से अधिक बीत जाने के बाद अब तक रिपोर्ट नही मिली है। इधर बुखार,खांसी व फेफड़े में संक्रमण होने पर उसे पटना ले जाया गया। वहां भी एडमिट करने से पहले हॉस्पिटल द्वारा रिपोर्ट मांगी जाती थी। इस कारण एडमिट होने में काफी परेशानी हुआ। जबकि नियमानुसार लक्षण वाले मरीजों की जिस समय कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट आई उसी समय उसका आरटीपीसीआर सैंपल भी ले लेना चाहिए था। रिपोर्ट में विलंब के चलते मरीज की हालत गंभीर हो गयी। ऐसे कई मरीज है जिन्हें चार से छह दिन तक से रिपोर्ट का इंतजार है। लेकिन रिपोर्ट नही मिली है।
कोट मेडिकल कॉलेज में मधेपुरा, अररिया, कटिहार, किशनगंज व सहरसा जिले की सैंपल की जांच की जा रही है। विभाग द्वारा प्रत्येक दिन ढाई हजार सैंपल जांच का टारगेट दिया गया है। टारगेट से अधिक जांच की जा रही है, लेकिन सैंपल प्रत्येक दिन तीन से चार हजार तक आ जा रही है। इस वजह से रिपोर्ट पेंडिग रह जाती है। कोशिश रहती है कि 48 घंटे के भीतर रिपोर्ट उपलब्ध करा दिया जाय। अभी मेडिकल कॉलेज में चार हजार से अधिक सैंपल का जांच पेंडिग है। -डॉ. राकेश कुमार, अधीक्षक,जन नायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज, मधेपुरा
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