दम फूलने के साथ बेचैनी हो महसूस तो अविलंब पहुंचें अस्पताल, देर करना हो सकता है जानलेवा

गया, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण काल में सावधानी जरूरी है। समय पर बेहतर इलाज होने से किसी भी आपात स्थिति में बचाव संभव है। सिविल सर्जन डॉ. कमल किशोर राय कहते हैं कि स्वास्थ्य बिगडऩे की स्थिति के कुछ निर्धारित पैरामीटर हैं। उनके हिसाब से संबंधित व्यक्ति को बेहतर इलाज के लिए अविलंब अस्पताल में भर्ती कराना अनिवार्य है। उन्‍होंने बताया कि कोरोना संक्रमित मरीज का ऑक्‍सीजन लेवल देखते रहना बहुत जरूरी है। ऑक्सीजन सैचुरेशन 92 से कम हो रहा हो और सांस फूल रही हो तो संक्रमित को तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए। खांसी रूक नहीं रही हो, दम फूल रहा हो तो यह स्थिति गंभीर हो सकती है। इसलिए अस्‍पताल ले जाने में देर नहीं करें। सीएस ने कहा कि दवा लेने के बाद भी बुखार में कमी नहीं हो तो व्यक्ति को अच्छी इलाज की जरूरत है। अच्छे फिजिशियन से सलाह लेनी चाहिए।

टनकुप्पा में एक चिकित्सक सहित चार कोरोना पॉजिटिव
पीएचसी टनकुप्पा में शुक्रवार को 100 लोगों का एंटीजन किट से कोरोना जांच किया गया। कोरोना जांच में पीएचसी में पदस्थापित एक चिकित्सक सहित चार लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। चिकित्सा प्रभारी डॉ उमेश कुमार दिवाकर एवं प्रबंधक मुमताजुल हशन ने बताया कि कोरोना जांच में पॉजिटिव हुए चिकित्सक सहित अन्य लोग को होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई है। एक पखवारा के अंदर टनकुप्पा में सात लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। टनकुप्पा चिकित्सा प्रभारी डॉ उमेश कुमार दिवाकर ने प्रखंड के सभी लोग एवं सरकारी कर्मी को प्रारंभिक गाइडलाइंस मास्क लगाने एवं शारीरिक दूरी का पालन करने की सलाह दी। साथ हीं शरीर की इम्युनिटी ठीक रखने के लिए गर्म पानी पीने को कहा। लोगों से यह अपील की जा रही है कि सर्दी, खांसी, बुखार एवं श्वास लेने में दिक्कत होने पर स्थानीय पीएचसी में आकर अपना कोरोना जांच कराए। घर से बिना काम के नहीं निकले। हाथों को साबुन से बराबर धोएं।

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