लालू यादव को जमानत: साढ़े तीन साल बाद खुली हवा में सांस ले सकेंगे पूर्व मुख्यमंत्री, समर्थकों में खुशी

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को रांची हाईकोर्ट से कई दिनों तक चली सुनवाई के बाद जमानत मिल ही गई। इसके साथ ही लालू यादव तीन साल बाद जेल से रिहा हो सकेंगे। लालू को जमानत मिलने से राजद समर्थकों में खुशी की लहर है। राजद पार्टी के ट्वीटर हैंडलर से जानकारी दी गई कि- आदरणीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री लालू प्रसाद जी को ज़मानत मिली।  

आदरणीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री लालू प्रसाद जी को ज़मानत मिली।
इसके अगले ही ट्वीट में राजेडी की ओर से लिखा गया कि सम्मानित शुभचिंतकों, समर्थकों और कार्यकर्ताओं से करबद्ध प्रार्थना है कि सभी कोरोना महामारी के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अपने-अपने घरों में ही रहे। किसी प्रकार का कोई भी जश्न नहीं मनाएं। आपसे विशेष आग्रह है कि पटना स्थित आवास पर किसी भी प्रकार की कोई भीड़ जमा नहीं करें। माननीय नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी जी कोरोना गाइडलाइनस के चलते विगत कई दिनों से मुलाक़ातियों से नहीं मिल रहे हैं।
दो दिन पहले ही अपना जन्म मनाने वाले लालू के बड़े बेटे और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव ने अपनी खुशी शेयर करते हुए ट्वीट किया है कि -गरीबों, वंचितों, पिछड़ों का रहनुमा आ रहा है, बता दो अन्याय करने वालों को कि हमारा नेता आ रहा है। 
 
गरीबों, वंचितों, पिछड़ों का रहनुमा आ रहा है बता दो अन्याय करने वालों को की हमारा नेता आ रहा है...#LaluYadavIsBack
वहीं लालू की रिहाई के लिए नवरात्र और रोजा रखने की घोषणा करने वाली लालू की बेटी रोहिणी आचार्य ने कहा कि- मेरा रमजान और नवरात्र सफल हुआ। आज मुझे ऊपर वाले के तरफ से ईदी मिल  गई।
 
मेरा रमज़ान और नवरात्र सफ़ल हुआ। आज मुझे ऊपर वाले के तरफ से ईदी मिल गयी 🥰💕🙏#शेर_लालू_आया pic.twitter.com/ECTfPzfs9m
बता दें कि चारा घोटाले के दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने शनिवार को उन्हें शर्तों के साथ जमानत दे दी है। फिलहाल लालू अस्वस्थ हैं और दिल्ली के एम्स में उनका इलाज चल रहा है। 
जानें क्या है दुमका कोषागार का मामला एकीकृत बिहार (बिहार और झारखंड) में तत्कालीन बिहार के मुख्यमंत्री लालू यादव के कार्यकाल में दुमका कोषागार से 3.76 करोड़ रुपये की अवैध निकासी की गई थी। इस मामले में सीबीआइ ने केस दर्ज कर मामले में राजद नेता लालू प्रसाद यादव सहित 31 लोगों को आरोपी बनाया था। कोर्ट ट्रायल के अनुसार लालू यादव पर दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 के बीच दुमका कोषागार से फर्जी वाउचर के जरिये 3.76 करोड़ की अवैध निकासी करने-कराने का दोष सिद्ध हुआ। सीबीआइ कोर्ट ने मामले में सजा का एलान किया था। ये अवैध निकासी जानवरों का चारा, कृषि उपकरण के नाम और दवा के नाम पर ट्रेजरी से निकाले गए थे।  

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