भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे जिला अभियंता ने दिया इस्तीफा

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विवाद खत्म
निगरानी जांच के बाद संविदा समाप्त करने करने पर अड़े थे पार्षद
गुप्त मतदान में 22 जिला पार्षदों ने पद से हटाने पर लगाई थी मुहर
सीवान। हिन्दुस्तान संवाददाता
भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे जिला परिषद के जिला अभियंता ने शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सह डीडीसी दीपक सिंह ने तत्काल प्रभाव से इस्तीफा स्वीकार करते हुए संविदा समाप्त कर दी है। बता दे कि जिला अभियंता की संविदा समाप्त करने को लेकर जिला पार्षदों ने मुहिम छेड़ रखी थी। इस संदर्भ में कार्रवाई नहीं किए जाने को लेकर धरना-प्रदर्शन तक हुआ। यहां तक कि मुख्यमंत्री के दरबार में पूरे मामले को ले जाने व वहां से भी कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में शहर के जेपी चौक पर धरना व चक्का जाम करने का अल्टीमेटम जिला पार्षदों ने दे दिया। पूरे प्रकरण में जिले के दो वरीय अफसरों पर दागी अभियंता को बचाने का आरोप भी लगातार लगता रहा। एक दिन पहले डीएम से मिलने जिला पार्षद पहुंचे लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी थी। इधर, आय से अधिक संपत्ति मामले में निगरानी की जांच व फिर एफआईआर होने के बाद जिला अभियंता धनंजयमणि तिवारी को हटाने के लिए अध्यक्ष संगीता यादव द्वारा विशेष बैठक बुलाई गई थी। इस दौरान हुए गुप्त मतदान में 22 जिला पार्षदों ने जिला अभियंता को हटाने के पक्ष में मतदान किया जबकि 12 ने इसके विरोध में। इसके बाद मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा प्रोसिडिंग पर हस्ताक्षर नहीं करने को लेकर विवाद खड़ा हुआ। विरोध में अध्यक्ष के नेतृत्व में जिला परिषद के सदस्य कार्यालय परिसर में धरना पर बैठे। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार जिला परिषद के जिला अभियंता धनंजय मणि तिवारी ने 15 अप्रैल को ही अपना इस्तीफा दे दिया था, हालांकि इससे संबंधित पत्र दो दिन बाद शनिवार की दोपहर जारी की गई।

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