जमानत मिलने के बाद भी लालू यादव को कैसे लड़नी होगी लंबी कानूनी लड़ाई?

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले में जिन चार मामलों में सजा मिली है, उनमें हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद वह जेल से बाहर भले ही आ गए हैं, मगर उनकी कानूनी लड़ाई अभी काफी लंबी चलेगी। सीबीआई कोर्ट से सभी मामलों में मिली सजा के खिलाफ लालू प्रसाद ने हाईकोर्ट में अपील की है, लेकिन अभी तक एक भी अपील पर सुनवाई शुरू नहीं हो सकी है। 

लालू प्रसाद की ओर से सभी मामलो में अभी तक जमानत लेने का ही प्रयास किया जा रहा था। सभी मामलों में जमानत मिलने के बाद सभी मामलों में दायर अपील याचिकाओं पर अब अलग-अलग सुनवाई की जाएगी। जिस मामले में सबसे पहले अपील की गई है, उस पर पहले सुनवाई होगी। एक अपील पर सुनवाई पूरी होने में कम से कम एक साल का समय लग सकता है, वह भी तब जब डे टू डे सुनवाई हो। ऐसे में चार मामलों की अपील पर सुनवाई करने में लंबा समय लगेगा।
कानून के जानकारों के अनुसार, यदि किसी भी मामले में हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट के आदेश को बरकरार रख दिया, तो लालू प्रसाद को फिर जेल जाना पड़ेगा। जेल में उन्हें उस मामले की आधी सजा काटनी होगी। अभी लालू प्रसाद ने हर मामले में आधी सजा ही काटी है और आधी सजा काटने के आधार पर ही उन्हें जमानत मिली है।
हाईकोर्ट में लालू प्रसाद को सीबीआई कोर्ट से मिली सजा बरकरार रखे जाने पर लालू प्रसाद सुप्रीम कोर्ट भी जाएंगे और हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने का आग्रह करेंगे। उधर, यदि लालू प्रसाद मामले से बरी हो जाते हैं तो सीबीआई हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी। जैसा कि सीबीआई ने अपना रुख पहले ही स्पष्ट कर दिया है। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के बीच मामले के अंतिम रूप से निष्पादन में कम से कम सात-आठ साल का वक्त लग सकता है। ऐसे में लालू प्रसाद को अभी लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी होगी।
इन चार मामलों के सजायाफ्ता हैं लालू प्रसाद झारखंड में लालू प्रसाद पर चारा घोटाले के पांच मामले सीबीआई ने दर्ज किए हैं। इनमें चार मामलों में लालू प्रसाद सजायाफ्ता हैं। सीबीआई के साथ लंबी अदालती लड़ाई के बाद उन्हें सभी चार मामलों में हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी का मामला सीबीआई कोर्ट में विचाराधीन है और इसका ट्रायल चल रहा है। मामला गवाही के स्टेज में है। दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में लालू प्रसाद को दो अलग- अलग धाराओं में सात सात साल की सजा सुनायी गई है और 60 लाख का जुर्माना लगाया गया है।
पहला मामला चाईबासा कोषागार  -37.7 करोड़ रुपये अवैध निकासी का आरोप -लालू प्रसाद समेत 44 अभियुक्त  -मामले में 5 साल की सजा    दूसरा मामला देवघर  कोषागार -84.53 लाख रुपये की अवैध निकासी का आरोप -लालू समेत 38 पर केस - लालू प्रसाद को साढ़े तीन साल की सजा
तीसरा मामला चाईबासा कोषागार  -33.67 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का आरोप  -लालू प्रसाद समेत 56 आरोपी -5 साल की सजा
चौथा मामला दुमका कोषागार  -3.13 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का मामला - दो अलग-अलग धाराओं में 7-7 साल की सजा  

अन्य समाचार