रोहतास में टीकाकरण पर पड़ा कोरोना का साया, चार में तीन नर्स संक्रमित, रोका गया वैक्‍सीनेशन

सासाराम (रोहतास), जागरण संवाददाता। जिले में चल रहे कोविड-19 टीकाकरण (Covid Vaccination) पर भी कोरोना संक्रमण (Corona Infection) का साया पड़ने लगा है। शनिवार को स्थानीय शहरी स्वास्थ्य केंद्र तकिया में कार्यरत चार नर्सों में से तीन कोरोना वायरस से संक्रमित हो गईं। इसके चलते उक्त केंद्र पर चल रहे वैक्सीनेशन के कार्य को अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। ऐसे में शनिवार को वहां टीकाकरण के लिए पहुंचे 45 वर्ष से अधिक के लगभग 50 लोगों को बिना टीका लिए वापस लौटना पड़ा।

अधिकारियों के निर्देश पर रुका टीकाकरण
केंद्र के कंप्यूटर डाटा ऑपरेटर सुमंत कुमार ने बताया कि यहां वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है लेकिन तीन नर्सों के संक्रमित होने के कारण वरीय अधिकारियों के निर्देश पर टीकाकरण का कार्य फिलहाल रोक दिया गया है। बताते चलें की जिला मुख्यालय में सदर अस्पताल के अलावा तकिया वह बौलिया सहारी स्वास्थ्य उपकेंद्र पर भी कोविड-19 का वैक्सीन दिया जा रहा है। इन स्वास्थ्य केंद्रों वाली सदर अस्पताल में टीका दिलवाने को लेकर जिस तरह लापरवाह लोगों की भारी भीड़ जुट रही है, उससे संक्रमण बढ़ने का खतरा बढ़ गया है। बौलिया सेंटर के डाटा ऑपरेटर गोल्डन कुमार ने बताया की लाख समझाने के बावजूद लोगो शारीरिक दूरी नहीं बना पा रहे हैं। यह स्थिति ठीक नहीं है। वहीं इस सेंटर पर टीकाकरण के लिए आए लोगों ने बताया कि यहां सेंटर पर लोगों के बैठने की कोई व्यवस्था नहीं है। जिसके चलते अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे लोग सड़क पर जहां-तहां बैठे रहते हैं।
45 वर्ष से कम उम्र वाले स्वास्थ्य कर्मियों व फ्रंट लाइन वर्कर्स को भी अब लगेगा टीका
जिले के 45 वर्ष से कम उम्र के स्वास्थ्य कर्मियों व फ्रंट लाइन वर्कर्स के लिए यह अच्छी खबर है। अब 18 से लेकर 44 वर्ष तक के छूटे हुए कर्मियों को टीका देने का निर्णय लिया है। सिविल सर्जन डॉ सुधीर कुमार ने बताया कि छूटे हुए कर्मियों को कोविड-19 का टीका देने और सत्र स्थलों की संख्या बढ़ाने का निर्देश विभाग से प्राप्त हुआ है। छूटे हुए कर्मियों का रजिस्ट्रेशन केवल सरकारी कोविड टीकाकरण केंद्रों पर ऑन द स्पॉट किया जाएगा। इसके लिए उन्हें फोटो युक्त मूल पहचान पत्र के साथ एम्प्लॉयमेंट सर्टिफिकेट की कॉपी देनी होगी। वहीं, उनको टीकाकृत करने के पूर्व उनका एम्प्लॉयमेंट सर्टिफिकेट भी कोविन पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। जिसकी जवाबदेही सत्र स्थल के सत्यापनकर्ता या साइट मैनेजर की होगी।

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