डॉ. कलाम कृषि कॉलेज व महिला आइटीआइ को बनाया जाएगा आइसोलेशन सेंटर

किशगनंज। कोरोना की दूसरी लहर को थामने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सीमित संसाधनों की बदौलत प्रयास किया जा रहा है। लेकिन वह नाकाफी साबित हो रहा है। इधर एक बार फिर से शिक्षण संस्थानों को आइसोलेशन वार्ड में बदलने की कवायद शुरू की गई है। डॉ. कलाम कृषि कॉलेज अर्राबाड़ी के अलावा अन्य निजी संस्थानों को भी आइसोलेशन सेंटर बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। वर्तमान में जिले में मात्र 300 बेड का आइसोलेशन सेंटर तैयार किया गया है। संक्रमण की बढ़ती रफ्तार को देखते इसे बढ़ाने को लेकर होमवर्क शुरू कर दिया गया है।


जिलाधिकारी डॉ. आदित्य प्रकाश ने बताया कि फिलहाल पर्याप्त बेड उपलब्ध है। लेकिन आपात काल के लिए तैयारी शुरू कर दिया गया है। इसके लिए डॉ. कलाम कृषि कॉलेज अर्राबाड़ी और भेड़ियाडांगी स्थित महिला आइटीआइ को आइसोलेशन सेंटर के लिए तैयार किया जा रहा है। साथ ही डे मार्केट स्थित अल्पसंख्यक छात्रावास को भी रिजर्व में रखा गया है। डॉ. कलाम कृषि कॉलेज में एक हजार से अधिक बेड की उपलब्धता है। वहीं महिला आइटीआइ का भी बड़ा कैंपस है। इसी तरह मोतिहारा स्थित एससी-एसटी छात्रावास में 160 बेड का आइसोलेशन सेंटर बनाकर तैयार कर लिया गया है।
सिविल सर्जन डॉ. श्रीनंदन ने बताया कि सभी सात पीएचसी और रेफरल अस्पताल छत्तरगाछ में 30-30 बेड का आइसोलेशन सेंटर तैयार कर लिया गया है। वर्तमान में मरीज की तुलना में महेशबथना स्थित कोविड केयर सेंटर में पर्याप्त बेड उपलब्ध है।
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352 ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध
- जिलाधिकारी डॉ. आदित्य प्रकाश के अनुसार जिले में ऑक्सीन की उपलब्ध्ता बनाए रखने को लेकर आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई है। वर्तमान में 80 बड़ा सिलेंडर और 272 छोटा सिलेंडर ऑक्सीजन का उपलब्ध है। सदर अस्पताल स्थित ट्रामा सेंटर में छह वेंटीलेटर लगाए गए हैं। हालांकि ऑपरेटर की उपलब्धता अब तक नहीं हो पाई है। लेकिन विकल्प के तौर पर एमजीएम मेडिकल कॉलेज से संपर्क कर आपात काल के लिए ऑपरेटर की व्यवस्था की गई है।
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