वायरिग की कमी से डीएमसीएच में 40 वेंटीलेटर नहीं हो सका चालू

दरभंगा । कोरोना के चलते हर ओर स्थिति बिगड़ती जा रही है। ऑक्सीजन से लेकर वेंटीलेटर और दवाओं की कमी महसूस की जा रही है। ऐसे संकट के समय महज बिजली के कनेक्शन की व्यवस्था ठीक नहीं होने के चलते डीएमसीएच (दरभंगा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल) में दो माह से 40 वेंटीलेटर शोपीस बने हुए हैं। यहां कोरोना के आइसीयू वार्ड में जो आठ वेंटीलेटर चल रहे हैं, सभी पर मरीज भर्ती हैं।

पिछले साल कोरोना संक्रमण बढ़ने पर डीएमसीएच स्थित बीएससी नर्सिग कॉलेज के भवन को कोरोना वार्ड में बदल दिया गया था। यहा 120 बेड की व्यवस्था की गई थी। गहन चिकित्सा कक्ष (आइसीयू) बनाने के साथ ही हाइ डिपेंडेंसी यूनिट (एचडीयू) की भी स्थापना की गई। इस वार्ड के लिए कोरोना के लिए बने पीएम केयर्स फंड से दो माह पूर्व 40 वेंटीलेटर की आपूíत की गई थी। इनमें से 25 एचडीयू में इंस्टॉल कर दिए गए। शेष रखे हैं। यहां अव्यवस्था ऐसी है कि ये आजतक चालू नहीं हो सके हैं।
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पहले से चल रहे कई उपकरणों से लोड ज्यादा : दरअसल, नìसग कॉलेज में जो वायरिंग की गई है, उससे वेंटीलेटर समेत अन्य चिकित्सकीय उपकरणों का लोड लेना संभव नहीं है। इस भवन में पहले से ही एसी समेत उपचार के अन्य उपकरण चल रहे हैं। इस कारण इनके लिए अलग से वायरिग की जरूरत है। डीएमसीएच प्रशासन की पहल पर दो दिन पूर्व बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता ने कोरोना वार्ड का निरीक्षण किया था। उन्होंने इस वायरिंग से वेंटीलेटर को चलाना मुश्किल बताया था।
दूसरी ओर इन वेंटीलेटर के लिए बैटरी बैकअप, स्टेबलाइजर और अन्य उपकरणों की आवश्यकता है, जिसकी व्यवस्था नहीं हो सकी है। इन्हें चलाने के लिए अतिरिक्त विशेषज्ञ चिकित्सक की भी जरूरत है।
बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता नवीन मंडल ने बताया कि इस भवन में लोड की कमी है। अर्थिग की जरूरत है। दो अर्थिग को गाड़ दिया गया है। एक की प्रक्रिया आज संपन्न हो जाएगी। अलग से वायरिग की जा रही है।
एनेस्थीसिया विभाग के अध्यक्ष डॉ. दामोदर सिंह ने बताया कि 21 अप्रैल से वेंटीलेटर चालू हो जाएंगे। जरूरी सामग्री बेंगलुरु से आ रही है। अस्पताल अधीक्षक डॉ. मणिभूषण शर्मा का कहना है कि बिजली का काम हो रहा है। जल्द वेंटीलेटर का लाभ मरीजों को मिलने लगेगा।
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