पंचायत चुनाव स्थगित होने से जनप्रतिनिधियों का पावर होगा सीज

पंचायती राज व्यवस्था के तहत होने वाले कार्य अफसरों के होंगे जिम्मे

आयोग के नये निर्णय से जनप्रतिनिधियों की बढ़ी बेचैनी
छपरा। नगर प्रतिनिधि
जिले में पंचायत चुनाव में हो रही देरी की वजह से पंचायती राज सरकार में कई संकट खड़े हो सकते हैं। राज्य निर्वाचन आयोग के नए निर्णय से जनप्रतिनिधियों की भी बेचैनी दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। आयोग ने पंचायत चुनाव की अधिसूचना को 15 दिनों के लिये स्थगित कर दिया है। वहीं निर्वाची पदाधिकारी व सहायक निर्वाची पदाधिकारी के प्रशिक्षण कार्यक्रम को भी आयोग ने अगले आदेश तक स्थगित कर दिया है। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि कोरोना संक्रमण काल में आयोग पंचायत चुनाव के मामले में कोई रिस्क नहीं लेना चाहता है। ईवीएम का भी विवाद अभी पूरी तरह से सुलझा नहीं है। कोर्ट ने आपसी सहमति के आधार पर निर्वाचन आयोग व राज्य सरकार से इस मामले को सुलझाने को कहा है।
पंचायत चुनाव से जुड़े एक पदाधिकारी ने बताया कि ग्राम पंचायत के चुनाव अगर समय पर नहीं हुए तो पंचायतें विघटित होंगी। इसके बाद पंचायती राज व्यवस्था के तहत होने वाले कार्य अफसरों के जिम्मे होंगे। जब तक नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों का शपथ ग्रहण नहीं हो जाता, तब-तक अफसर ही योजनाओं का क्रियान्वयन कराएंगे। वहीं 15 जून से पहले नया निर्वाचन नहीं होने की स्थिति में मुखिया-प्रमुख आदि के अधिकार छिन जाएंगे। अफसरों को उनकी जिम्मेदारियां दी जाएंगी। प्रशासनिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इसके लिए सरकार पंचायती राज अधिनियम 2006 में अध्यादेश के माध्यम से संशोधन की तैयारी कर रही है। मालूम हो कि पंचायती राज अधिनियम में इसका प्रावधान नहीं किया गया है कि चुनाव समय पर नहीं होंगे तो त्रि-स्तरीय व्यवस्था के तहत होने वाले कार्य किनके माध्यम से संपन्न कराए जाएंगे, इसलिए अधिनियम में संशोधन किया जाना अनिवार्य होगा। अधिनियम में संशोधन करने के बाद इससे संबंधित दिशा-निर्देश जिलों को जारी कर दिये जाएंगे।
जिलाधिकारी के माध्यम से होंगे कार्य
पंचायती राज का कार्य जिलाधिकारी के माध्यम से अधीनस्थ पदाधिकारियों को दिये जाएंगे। वार्ड, ग्राम पंचायत और पंचायत समिति के तहत होने वाले कार्य प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा कराए जाएंगे। वहीं जिला परिषद के माध्यम से होने वाले कार्य को उप विकास आयुक्त कराएंगे। उन्हीं के पास सारे अधिकार होंगे।
वर्ष 2016 में 28 फरवरी को हुई थी अधिसूचना
वर्ष 2016 में हुए ग्राम पंचायत चुनाव में 28 फरवरी को अधिसूचना जारी हुई थी। पहले चरण के चुनाव के लिए दो मार्च को अभ्यर्थियों का नामांकन शुरू हो गया था पर, इस बार अब तक चुनाव की तिथि को लेकर कोई अंतिम निर्णय नहीं हो सका है। इसको देखते हुए अफसरों को जिम्मेदारी देने का प्रावधान किया जा रहा है। हालांकि प्रशासनिक तैयारी तेज हो गयी है। संबंधित कोषांग आपस में समन्वय बनाकर कार्यों को पूरा भी कर रहे हैं।
पंचायत चुनाव में 25.86 लाख लोग करेंगे मतदान
भले ही चुनाव को ले संशय की स्थिति है पर सारण में पंचायत चुनाव के लिए मतदाताओं की स्थिति साफ हो गयी है। जिले में चुनाव में 25 लाख 86 हजार 438 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदान केन्द्रों पर तैनाती के लिए केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बल, पुलिस और गृहरक्षकों का आकलन कर प्रतिवेदन भेजने का निर्देश दिया था। सभी बीडीओ ने मूल ,सहायक और चलंत मतदान केन्द्रों की सूची भेज दी है। जिले में 45 सौ 80 वार्ड हैं। सभी वार्डों में मतदान केन्द्र बनाया जाएगा। इसके अलावा 850 से अधिक अधिक मतदाता वाले मतदान केन्द्र भी बनाये गए हंै। राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव योगेन्द्र राम ने जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीएम को पत्र भेजकर अर्द्धसैनिक बल, पुलिस और गृह रक्षकों का आकलन कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराने को कहा था।

अन्य समाचार