मरौना में एक व्यक्ति की मौत, प्रशासन की पहल पर हुआ संस्कार

सुपौल। कमरैल पंचायत के हड़री गांव के वार्ड 10 में शुक्रवार की सुबह एक व्यक्ति की मौत हो गई। जानकारी अनुसार हड़री गांव वार्ड 10 निवासी बेचन भंडारी लगभग 35 वर्ष से दिल्ली में रहता था। कोरोना महामारी के बढ़ते खतरा को देखकर लगभग 45 दिन पहले अपने घर आया था। कुछ दिन के बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। तबियत बिगड़ते देख भंडारी को उनके परिजनने एक निजी क्लिनिक घोघरडीहा से इलाज करवाया। उसके बाद उनके परिजन के द्वारा गांव लाया गया। लेकिन गुरुवार की रात्रि अचानक उसकी तबीयत और बिगड़ने लगी और शुक्रवार की अलसुबह उसकी मौत हो गई। घटना को लेकर गांव में लोग सहमे हुए हैं, कुछ लोगों का कहना है कि कोरोना के कारण मौत हुई लेकिन मरौना पीएचसी प्रभारी डॉ बीके पासवान ने बताया कि जब उसने कोरोना की जांच ही नहीं करवाई तो इस परिस्थिति में कोरोना से मौत की खबर बिल्कुल गलत प्रतीत होता है। घटना की जानकारी पर बीडीओ अभिमन्यु कुमार, थानाध्यक्ष संतोष कुमार निराला के साथ-साथ अन्य पदाधिकारी की पहल पर शव का दाह संस्कार किया गया। ग्रामीण क्षेत्रों को भी सैनिटाइज करने की उठने लगी मांग

मरौना में एक व्यक्ति की मौत, प्रशासन की पहल पर हुआ संस्कार यह भी पढ़ें
कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए शहरों के साथ गांवों को भी सैनिटाइज करने की मांग तेज हो गई है। प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों के लोगों द्वारा पंचायतों में गांव स्तर पर सैनिटाइजर का छिड़काव करने, ब्लीचिग के छिड़काव करने की मांग जिला प्रशासन से की गई है। लोगों का कहना है कि शहरों को ही सिर्फ सैनिटाइज क्यों किया जा रहा है। सिर्फ शहरों में सभी उपाय करने से कोरोना से जंग नहीं जीती जाएगी। शहरों से अधिक ग्रामीण क्षेत्रों में दूसरे प्रदेश या शहरों से लोग अपने घर लौटे रहे हैं। इस कारण गांव को अधिक से अधिक सैनिटाइज करने की आवश्यकता है। प्रखंड के हड़री पंचयात के समाजसेवी व पूर्व उप सरपंच प्रवीण कुमार प्रभाकर ने कहा कि गांव में पहले घर-घर दवा का छिड़काव किया जाता था परंतु कई वर्ष से गली-नाली तक में कोई दवा का छिड़काव नहीं किया गया है।
शॉर्ट मे जानें सभी बड़ी खबरें और पायें ई-पेपर,ऑडियो न्यूज़,और अन्य सर्विस, डाउनलोड जागरण ऐप

अन्य समाचार