राज्य सूचना आयोग ने लिया संज्ञान, तलब की रिपोर्ट

जमुई। सूचना का अधिकार कानून के तहत सूचना नहीं दिए जाने के मामले को राज्य सूचना आयोग ने गंभीरता से लिया है। आयोग ने आइसीडीएस के कार्यक्रम पदाधिकारी से रिपोर्ट तलब किया है। जबकि शिकायतकर्ता से भी शिकायत को संपुष्ट करने वाली साक्ष्यों की सूची तथा संबंधित लोक सूचना पदाधिकारी का नाम व वर्तमान पता स्पष्ट करते हुए एक प्रतिवेदन एक पखवारा के भीतर समर्पित करने का निर्देश दिया है। राज्य सूचना आयुक्त प्रमोद कुमार ठाकुर ने सुनवाई की अगली तिथि 17 मई मुकर्रर की है। बताया जाता है कि आरटीआई कार्यकर्ता गिरीश सिंह ने आईसीडीएस की डीपीओ से सूचना के अधिकार कानून के तहत अलग-अलग आवेदन के माध्यम से दो सूचनाएं मांगी थी। मांगी गई सूचना में 23 जुलाई 2018 से जमुई जिले में अब तक विभिन्न आरोपों के तहत कितनी महिला सुपरवाइजर को चयन मुक्त किया गया है। साथ ही यह भी कहा था कि अगर आप किसी मामले में दोषी हैं तो आपको चयन मुक्त कौन करेगा। उक्त पदाधिकारी का पद एवं पता की जानकारी मांगी थी। इसके अलावा एक अन्य आवेदन के माध्यम से जिले में सुपरवाइजर के लिए आवेदन करने वाले आवेदकों की सूची तथा मार्गदर्शिका के अनुरूप समय सीमा के अंदर बहाली प्रक्रिया पूर्ण नहीं होने का कारण पूछा गया था। साथ ही यह भी पूछा था कि इसके लिए आईसीडीएस डीपीओ खुद को जिम्मेदार मानती है या नहीं। डीपीओ ने सूचना देने की जगह आवेदक के आरटीआई कार्यकर्ता होने पर ही सवाल खड़ा किया था। इसी से नाराज आरटीआई कार्यकर्ता ने राज्य सूचना आयोग को शिकायत दर्ज कराई है। गिरीश सिंह ने कहा है कि सूचना देने के मामले में इनका रवैया पहले से भी नकारात्मक रहा है। वैसे आईसीडीएस की डीपीओ कविता कुमारी मानती हैं कि कुछ लोग सूचना का अधिकार कानून का अनावश्यक दुरुपयोग कर रहे हैं।

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