मांगलिक कार्यक्रमों पर कोरोना ने लगाया ग्रहण, घटी बाजार की रौनक

पूर्णिया। लगन की शुरुआत होने से ठीक पहले कोरोना संकट ने बाजार पर ग्रहण लगा दिया है। पिछले साल भी लॉकडाउन के कारण शादी-विवाह आदि कार्यक्रम काफी कम हो पाए थे। इस बार व्यापारी काफी आशान्वित थे कि लगन में उनकी अच्छी बिक्री होगी तथा उस अनुरूप स्टॉक भी जमा कर लिया था। लेकिन ऐन वक्त पर कोरोना विस्फोट ने उनके मंसूबे पर पानी फेर दिया है।

लगन से जुड़े गहना, कपड़ा, किराना आदि कारोबारी इस बार लगन को लेकर काफी तैयारी की थी लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण शादी-ब्याह जैसे मांगलिक कार्यों पर ग्रहण लगा दिया है। जिला प्रशासन ने शाम छह बजे के बाद से क‌र्फ्यू लगा दिया है साथ ही शादी-ब्याह आदि कार्यों के लिए उपस्थिति भी सीमित कर दिया है। सभी मांगलिक कार्य अक्सर रात में ही होते हैं लेकिन रात में क‌र्फ्यू के कारण लोग आयोजन करने से बच रहे हैं। लोग एक बार फिर या तो ऐसे कार्यक्रम स्थगित कर रहे हैं या फिर सादे समारोह में कर रहे हैं जिससे बाजार की रौनक घट गई है। इधर, वैवाहिक सीजन भी निकल रहा है और दुकानदार निराश होने लगे हैं।
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कपड़ा दुकानदार मो जसीम बताते हैं कि पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी पूरा धंधा चौपट हो गया। इस बार अधिक मांगलिक कार्य होने की उम्मीद थी सो कर्ज लेकर अधिक माल मंगाये थे। लेकिन बिक्री नहीं होने से कर्ज चुकाने की चिता से परेशान हैं। कमाई तो है नहीं, ऊपर से खर्चा कम होने का नाम नहीं ले रहा है। कहा व्यापारियों को इएमआइ, दुकान किराया, बिजली बिल आदि की चिता सताने लगी है। किराना दुकानदार मो कमरुल ने बताया कि कोरोना संकट के कारण दूसरे गांव से लोगों का आना कम ही नहीं, लगभग बंद हो गया है। प्रखंड मुख्यालय बाजार के अलावा अनगढ़, मजगामां, धर्मबाड़ी में डेढ़ सौ से अधिक किराना की दुकानें हैं। एक दुकान में शादी, विवाह, उपनयन, मुंडन आदि को लेकर प्रतिदिन लगभग पचास से लाख रुपये तक का कारोबार होता है। लेकिन इस बार सब चौपट है। यह समय बहुत ही मुश्किल भरा है। अनगढ़ के राजु कुमार ने बताया कि कोरोना की भयावहता को देखते हुए सरकार ने रात का क‌र्फ्यू लगा दिया है। इस कारण जल्दी दुकानें बंद करनी पड़ती है। पहले देर शाम तक ग्राहक खरीददारी के लिए आते थे लेकिन क‌र्फ्यू ने धंधा चौपट कर दिया है।
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