छोटे सिलेंडर पहुंच से दूर,बड़े सिलेंडरों के लिए सिक्यूरिटी मनी

छपरा। नगर प्रतिनिधि

कभी सोचा भी नहीं गया था कि इंसान को जिंदा रखने वाली प्राणवायु ऑक्सीजन की भी किल्लत होगी और लोग इसकी भी खुलकर कालाबाजारी करने से बाज नहीं आएंगे। लोग खुद को जिंदा रखने के लिए दूसरों की सांसें इस बेशर्मी से छीन लेंगे-यह जानते हुए भी कि एक दिन उनकी सांस भी छिन जाने वाली है। अफसोस कि कोरोना वायरस ने हमें वो दिन भी दिखा दिया है। जिले में छोटे सिलेंडर की काफी कमी है तो बड़े सिलेंडर के लिए लोगों को जमानत राशि जमा करनी पड़ रही है । हालांकि ऑक्सीजन के सलेंडर की आपूर्ति करने वाले संचालक का दावा है कि निर्धारित दर पर है। उनके यहां लोगों को बड़ा गैस सिलेंडर उपलब्ध कराया जा रहा है। बड़े गैस सिलेंडर के बाद उसे लोग कालाबाजारी कर छोटे सिलेंडरों में भर कर बेच रहे हैं।
छोटे सिलेंडर की कमी से परेशानी
कोरोना काल मे ऑक्सीजन सिलिंडर की मांग बढ़ गयी है। ऐसे में कोढ़ में खाज की मानिंद उन ऑक्सीजन गैस सिलेंडरों का टोटा पड़ गया है, जो कोरोना मरीज के जीवित रहने का अंतिम भरोसा है क्योंकि कोरोना वायरस सीधे फेंफड़ों पर हमला कर उन्हें बेकाम कर देता है। परिणामस्वरूप मरीज को सांस लेना दूभर होने लगता है और एक सीमा के बाद सांसों की ये डोर टूट जाती है। ऐसे में अस्पतालों में रोगी को कृत्रिम ऑक्सीजन देकर जिंदा रखने की हर संभव कोशिश की जाती है लेकिन 'आपदा में अवसर' बूझने वालों ने सांसों की कालाबाजारी शुरू कर दी है। कई 'चतुर' लोगों ने कोरोना के मार्च-अप्रैल में चरम पर आने की सूचनाओं के साथ ही ऑक्सीजन गैस सिलेंडरों की जमाखोरी शुरू कर दी थी। होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को तो छोटे ऑक्सीजन सिलेंडर का पांच हजार और बड़े सिलेंडर के लिए दस हजार रुपये सुरक्षा राशि के तौर पर भी जमा करनी पड़ रही है।
प्रशासन के अवसर पर ऑक्सीजन सिलेंडर की कोई व्यवस्था नहीं
प्रशासन के अवसर पर अभी तक ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराने के लिए कोई पहल नहीं की गई है लोगों का कहना है कि जिस तरह दूसरे राज्यों में जिला प्रशासन की देखरेख में ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति हो रही है। उसी तरह सारण में भी व्यवस्था होनी चाहिए ताकि लोगों को समय से ऑक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके और आर्थिक शोषण से भी लोग बच सके। वही प्रशासनिक क्षेत्र से जुड़े अफसरों का कहना है कि सारण में अभी ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी को लेकर कहीं से कोई बात सामने नहीं आई है। इसलिए अभी ऑक्सीजन सिलेंडर की बिक्त्री में प्रशासनिक हस्तक्षेप नहीं है।
दोपहर होते ऑक्सीजन सिलेंडर दुकान का शटर गिरा
जिले में भी शनिवार को ऑक्सीजन सिलेंडर की किल्लत बढ़ गई है। दोपहर बाद शहर के योगिनियां कोठी स्थित गैस सिलेंडर की आपूर्ति करने वाले दुकानदार संजय गुप्ता ने अपनी दुकान का शटर गिरा लिया। दुकानदार का कहना था कि पटना के पाटलिपुत्र इंडस्ट्रियल गैसेस प्राइवेट लिमिटेड के बाहर गाड़ी खड़ी है लेकिन सिलेंडर नहीं मिलने के कारण परेशानी बढ़ गई है। गाड़ी चालक का कहना है कि सिलेंडर कब उपलब्ध होगा, यह गैस संचालक स्पष्ट तौर पर नहीं बता रहे हैं। दुकानदार ने बताया कि इमरजेंसी के लिए कुछ सिलेंडर रखे गए हैं।

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