गेहूं की खरीदारी में देरी से किसान परेशान

सुपौल। 16 पंचायतों के पैक्सों द्वारा गेहूं की खरीदारी नहीं किये जाने से क्षेत्र के किसान परेशान हैं। गेहूं की कटाई के साथ उसे सुरक्षित रखने की समस्या तथा अगले खेती तथा बेटी की शादी के अलावा पाट की खेती सहित अन्य कार्य के लिए पूंजी जुटाने को लेकर किसान बाजार में अपनी फसल कम दामों में बेचने को मजबूर हो रहे हैं। प्रखंड में किसानों को सरकार द्वारा गेहूं के समर्थन मूल्य का लाभ नहीं मिल पा रहा है। यहां के किसान उपज के बाद गेहूं को औने-पौने दाम पर बेचने को मजबूर हैं। सरकारी स्तर पर इसके लिए कोई व्यवस्था नहीं है। किसानों को अपने अनाज को स्थानीय व्यापारियों के पास बेचने की मजबूरी है जबकि यहां हर पंचायत में पैक्स है। किसानों के गेहूं खरीदने का काम सरकारी स्तर पर नहीं होने के कारण शादी ब्याह और अन्य जरूरी काम के लिए गेहूं स्थानीय व्यापारी के पास बेचना मजबूरी है।


पैक्सों में खरीदारी को लेकर बरती जा रही उदासीनता को भांप कर गेंहू की खरीदारी में किसान बिचौलिए के हाथ औने-पौने दामों में बेचने को मजबूर हैं। पैक्सों में अभी तक गेहूं खरीद को लेकर कोई सुगबुगाहट नहीं दिख रही है। गरीब किसानों ने बताया कि शादी का लगन है और बेटी की शादी भी करना है बाजार में बेचने से रुपया जल्दी मिल जाता है और वह रुपया शादी में काम आ जाएगा। अध्यक्षों ने बताया कि पैक्स में 1975 रुपया प्रति क्विटल के भाव से खरीद किया जाना है। वहीं बिचौलिया 1500 रुपये से 1600 के दर से ही खरीदारी करते हैं। क्षेत्र के किसान नरेश यादव, रामानंद यादव, रामानंद साह, विरेंद्र मंडल, नारायण कामत, रामानंद यादव, निरंजन झा, मु शकीद, मु. इब्राहिम, शिवशंकर यादव, नरेश कुमार,चंद्रशेखर यादव,संतोष सिंह, मंटू यादव, मिथिलेश यादव, अरुण सिंह, बबलू सिंह, आलोक रमण साहा, कृष्णदेव यादव, रामचंद्र यादव,अगरचंद्र यादव, इंद्रजीत यादव, संतोष यादव, रबींद्र यादव टिकू, रंजन यादव, शंकर कुमार आदि ने बताया कि गेहूं के बाहर से आने वाले खरीदार औने-पौने भाव में गेहूं लेना चाहते हैं।
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