कोरोना कहर के बीच आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षक

कोरोना कहर के बीच आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षक

दो माह से शिक्षकों को नहीं मिला है वेतन
शिक्षकों ने बैठक कर जाहिर की नाराजगी
छपरा। हिंदुस्तान प्रतिनिधि
कोरोना कहर के बीच शिक्षक आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। दो माह से शिक्षकों को वेतन नहीं मिला है। शिक्षकों ने बैठक कर अपनी नाराजगी जाहिर की है। शिक्षकों का कहना है कि वेतन के अभाव में परिवार के सामने आर्थिक संकट आ गया है। चैती छठ व रामनवमी के अवसर पर भी शिक्षकों का भुगतान नहीं हुआ। अल्पसंख्यक शिक्षकों का रमजान पर्व भी चल रहा है। शिक्षकों के घर काफी खर्चे होते हैं, ऐसी स्थिति में सरकार को शिक्षकों का बकाया 2 माह का वेतन अविलंब देना चाहिए। साथ ही प्रशिक्षित शिक्षकों का लगभग एक शिक्षक का दो लाख बकाया विभाग के यहां पड़ा हुआ है जिनकी संख्या सारण जिला में लगभग 8000 से ऊपर है। विभाग के द्वारा पत्र भी दिया गया कि जितनी राशि की आवश्यकता हो , जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना के द्वारा डिमांड किया जाए । सच्चाई यह है कि डिमांड भी किया गया और राशि आज तक उपलब्ध नहीं हो पायी। राज्य के पौने चार लाख शिक्षकों का अप्रैल माह से 15 फीसदी मूल वेतन में वृद्धि के साथ देने की घोषणा की गई है। वह भी सिर्फ कागज में ही रह गयी है। विभाग के द्वारा अभी तक कोई ठोस कदम ना उठाए जाने के कारण शिक्षक अधर में लटके हुए हैं। बकाया राशि व अप्रैल से मिलने वाले मूल वेतन में 15 प्रतिशत वृद्धि का पत्र अविलंब विभाग को देने की मांग परिवर्तन कारी प्रारम्भिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष समरेंद्र बहादुर सिंह, संजय राय, रवि सिंह राठौर , संजय यादव, विनोद यादव, अनुज यादव, राजू सिंह, अशोक यादव, एहसान अंसारी, हवलदार, पंकज, प्रकाश सिंह व अन्य ने की।

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