नाशै रोग मिटे सब पीरा की कामना से मनी हनुमान जयंती

हनुमानजी की पूजा कर भक्तों ने मांगा अभयदान

कोरोना गाइडलाइंस को ले भक्तों के मंदिर में प्रवेश पर थी रोक
छपरा। नगर प्रतिनिधि
पवनसुत हनुमान जी का जन्मदिन मंगलवार को धूम-धाम से मनाया गया। शहर से लेकर गांव तक हर तरफ उत्सवी माहौल रहा। शहर के प्रसिद्ध मारुति मानस मंदिर में श्रद्धालुओं का प्रवेश पूरी तरह से बंद था लेकिन श्री हनुमत जयंती समारोह से जुड़े लोग व पुजारी विधि विधान से पूजन किए। 17 अप्रैल से शुरू हनुमान जयंती का समापन भी हुआ। रामर्चा पूजन से जयंती का शुभारंभ हुआ था। मंगलवार को सत्यनारायण कथा ,हवन एक हजार सहस्त्रनाम एवं रामजी का राज्याभिषेक किया गया। कोरोना के पहरे के बीच लोग अपने आराध्य देव की पूजा की तैयारी में सुबह से ही जुटे थे। मंदिरों में पाबंदी की वजह से इस बार घरों में ही आयोजन किया गया। भक्तों को मंदिर में प्रवेश करने पर पाबंदी होने से पुजारियों ने ही आरती करके संपूर्ण विश्व से महामारी खत्म करने की प्रार्थना की। कहीं सुबह से हनुमान चालीसा तो कहीं सुंदरकांड की चौपाईयां गूंज रही थीं। मंदिर व घरों में हनुमान चालीसा की पंक्तियां नाशै रोग मिटे सब पीरा की कामना से लोग भगवान हनुमान से मंगल आशीर्वाद मांग रहे थे। पुराणों के अनुसार, महादेव शिव ने माता अंजना के गर्भ से रुद्रावतार हनुमानजी के रूप में जन्म लिया था। इसलिए अजर और अमर माने जाने वाले हनुमानजी को प्रसन्न करने और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए यह बहुत ही शुभ दिन माना गया है।
मन्दिर परिसर में पवनसुत हनुमान की जय
पूरा मंदिर परिसर पवनसुत हनुमान की जय से गूंज रहा था मंदिर परिसर को भी आकर्षक तरीके से सजाया गया था। हालाकि भक्तों को हनुमान जी का दर्शन नहीं होने का मलाल दिखा। काफी संख्या में श्रद्धालुओं मंदिर के मुख्य द्वार के समीप ही शीश नवाकर भगवान हनुमान से कोरोना काल में लोगों का दुख करने का अनुरोध किया। कई लोगों ने कहा कि संकट की इस घड़ी में अब भगवान हनुमान ही लोगों को बचा सकते हैं। एक भक्त का कहना था कि- को नहिं जानत है जग में कपि,संकटमोचन नाम तिहारो। उसने हनुमान जी से गुहार लगाते हुए कहा कि अब निराशा सी होने लगी है , प्रभु शक्ति दें, ताकि हम सभी एक दूसरे की मदद कर पाएं , हिम्मत दें कि हम निराश नहीं हों।
घरों में भक्तों ने सुंदर कांड का किया पाठ
हनुमान जयंती के दिन सुंदरकांड का पाठ कराने से शुभ होता है। जो लोग सुंदरकांड का पाठ कराते हैं उनके जीवन में कोई परेशानी नहीं होती हैं। इस पाठ को कराने से भगवान राम का आशीर्वाद मिलता है। मन्दिरों में जाने पर पाबंदी के कारण लोगों ने घरों में ही सुदर कांड का पाठ किया। ब्राह्मणो के मुताबिक, भगवान शिव के 11वें अवतार हनुमान जी हैं। हनुमान जी को अलग- अलग से नाम जाना जाता है। हनुमान जी भक्तों के सभी कष्टों को दूर करते हैं इसलिए उन्हें संकंटमोचन के नाम से जाना जाता है।
जयंती पर बना था अद्भुत संयोग
भगवान शंकर के अंशावतार पवनपुत्र हनुमान जी की जयंती पर मंगलवार को अद्भुत संयोग बना था। नव संवत की पहली पूर्णिमा इस बार विशेष फलदायी रहा। मंगलवार स्वयं हनुमान जी का दिन था। ज्योतिषाचार्य पंडित मनुवेन्द्र त्रिपाठी के मुताबिक, मंगल करने वाले पवनसुन की इस जयंती में अंक का भी सुंदर योग बना था।27 अप्रैल 2021 का जन्मांक और भाग्यांक दोनों 9 अंक था। यह अंक मंगल ग्रह का ही अंक है। मंगलवार के दिन नौ अंक का जन्मांक और भाग्यांक संयोग संपूर्ण विश्व को उत्साह से भरने वाला है। मंगल रक्त और ऊर्जा के कारक ग्रह हैं। हनुमान जयंती के सुंदर संयोग से जनमानस का मनोबल ऊंचा होगा। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी। सकारात्मकता का प्रभाव बढ़ेगा।
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