जिले में मिले 215 कोरोना पॉजिटिव मरीज, महिला की मौत

एक्टिव कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर हुई 4912

शहरी क्षेत्र में 1532 एक्टिव मरीज कोरोना पॉजिटिव
हमारे संवाददाता
छपरा। सारण जिले में मंगलवार को 215 पॉजिटिव मरीज मिले। कोरोना वायरस एक्टिव पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर अब 4912 हो गई है। हालांकि पॉजिटिव मरीज होम आइसोलेशन व आइसोलेशन वार्ड से रिकवर हो रहे हैं । जिले में कोरोना एक्सप्रेस की रफ्तार कम नहीं हो रहा है। उधर इसुआपुर प्रखंड की रहने वाली एक महिला ने आइसोलेशन वार्ड में मंगलवार की सुबह दम तोड़ दिया। पिछले दो सप्ताह में मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। सिविल सर्जन डॉ जनार्दन प्रसाद सुकुमार लगातार जिला वासियों से अपील कर रहे हैं कि वे अपने घरों से ना निकलें, भीड़ भाड़ ना लगाएं। जरूरत हो तभी अस्पताल पहुंचे। पब्लिक प्लेस में कोविड-19 संक्रमण एक दूसरे में फैलता है । उन्होंने बताया कि शहरी क्षेत्र के अलावा आधा दर्जन प्रखंड रेड जोन बन गये हैं। सबके लिए चिंता का विषय बना हुआ है । शहर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 14 सौ से अधिक हो गई है। कोविड-19 वायरस के रोकथाम के लिए सरकार ने जो गाइडलाइन जारी किया है उसको लोग नजरअंदाज कर रहे हैं। डीपीएम अरविंद कुमार ने बताया कि सारण जिले में एक्टिव मरीजों की संख्या चार हजार पार कर गयी है। जिला स्वास्थ्य समिति के मूल्यांकन पदाधिकारी भानु शर्मा ने बताया कि अब तक 128 कंटेनमेंट जोन बनाया जा चुका है।
विशेष परिस्थति में ही करना है रेमडेसिविर इंजेक्शन का इस्तेमाल
जिले में कोविड 19 की दूसरी लहर में संक्रमितों की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है। वहीं इससे बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा किये जा रहे टीकाकरण को अहम माना गया है । बावजूद इसके कई लोग कोविड से बचाव के लिए दवाओं व इंजेक्शन की जानकारी लेकर अपना इलाज स्वयं कर रहे हैं। इनमें एक इंजेक्शन रेमडेसिविर का नाम लोगों के बीच प्रचलित है। लोग संक्रमण से बचने के लिए इस दवा को बहुत अधिक जरूरी मान रहे हैं. लेकिन उन्हें इसके सही इस्तेमाल की जानकारी होनी जरूरी है। ध्यान रहे कि वर्तमान में कोविड संक्रमण से बचाव के लिए आवश्यक टीकाकरण सरकार द्वारा ही विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध कराया गया है।
स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में चल रहा कार्यक्रम
निजी स्वास्थ्य संस्थानों में भी यह कार्य स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में चल रहा है। रेमडेसिविर को लेकर यह जानकारी होनी आवश्यक है कि इसका इस्तेमाल विशेष परिस्थिति में ही किया जाता है अन्यथा यह घातक सिद्ध हो सकता है। इस दवा के सही और तर्कसंगत इस्तेमाल को समझना तथा इसके गलत इस्तेमाल से बचना पूर्णत जरूरी है। डॉ वीके पॉल ने यह सलाह दी है कि रेमडेसिविर एक एंटी वायरल ड्रग है। इस पर काफी अध्ययन किये गये हैं। और इस आधार पर भारत के नेशनल ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल में चिन्हित किया गया है। प्रोटोकॉल में इसके इस्तेमाल की पूरी जानकारी दी गयी है। रेमडेसिविर एक प्रयोगात्मक इंजेक्शन है और यह सामान्य मामलों में नहीं दिया जाता है। इस इंजेक्शन के विशेष आपात स्थिति में इस्तेमाल की अनुमति दी गयी है। रेमडेसिविर इंजेक्शन का इस्तेमाल विशेष परिस्थिति में अस्पतालों में ही चिकित्सकों की निगरानी में दिया जाता है।

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