सदर अस्पताल में बेड फूल, जमीन पर लिटाकर दिया जा रहा ऑक्सीजन

बाजार से ऑक्सीजन मास्क गायब, मरीज भटक रहे हैं शहर में

ऑक्सीजन लेवल 95 से उपर है तो ऑक्सीजन की जरूरत नहीं: सीएस
हमारे संवाददाता
छपरा। छपरा सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के सभी बेड मरीजों से फूल हो गये हैं। अब जमीन पर लिटा कर मरीजों को ऑक्सीजन चढाया जा रहा है। इमरजेंसी वार्ड में मरीजों की संख्या बढ गई है । वैश्विक महामारी करोना के डर से स्थिति इस कदर बिगड़ गई है कि जो भी अस्पताल में आ रहा है वह यही बताकर भर्ती हो रहा है कि ऑक्सीजन लेवल कम हो गया। अगर यही स्थिति रही तो यहां इलाज संभव नहीं हो पाएगा। मालूम हो कि लगभग इमरजेंसी के 30 बेड मरीजों से फुल हो गया है। मरीज के परिजन परेशान हैं। उन्हें अस्पताल में बेड नहीं मिल पा रहा है। प्राइवेट अस्पताल की भी स्थिति वही है। कोरोना संक्रमण को लेकर जल्दी इलाज लोग नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि इमरजेंसी में जो भी मरीज भर्ती हैं वह नेगेटिव है। मालूम हो कि बाजार हो चाहे दवा मंडी हो या लोकल दवा दुकान- कहीं भी ऑक्सीजन मास्क नहीं है। सिविल सर्जन डॉ जनार्दन प्रसाद सुकुमार ने कहा कि छपरा सदर अस्पताल के इमरजेंसी में वैसे भी कई मरीज पहुंच रहे हैं और डिमांड कर रहे हैं जिनका ऑक्सीजन लेवल 95 से ऊपर है। 95 से ऊपर वाले मरीज को ऑक्सीजन की कोई जरूरत नहीं है। यही कारण है कि इमरजेंसी का बेड सब फूल है।
पॉजिटिव मरीज अगर एंबुलेंस से पटना जा रहे हैं तो पांच हजार लग रहे
अगर आप पॉजिटिव मरीज हैं और आप की स्थिति गंभीर है तो पटना जाने के लिए एंबुलेंस कर रहे हैं तो आपको अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी। प्राइवेट एंबुलेंस संचालक मरीजों से या उनके अटेंडेंट से 5 से छह हजार रुपए वसूली कर रहे हैं। वैश्विक महामारी करो ना ने मरीजों के परिजनों का कमर तोड़ के रख दिया है।

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