सांस लेने में परेशानी के बावजूद जबरन कर रहे डिस्चार्ज

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जान पर आफत
महाराजगंज में मरीजों के साथ भेदभाव किया जा रहा है, केवल पैरवी वाले मरीजों को ही पर्याप्त ऑक्सीजन दिया जा रहा है
विकट परिस्थिति में लोगों का दर्द बाहर छलकने लगा है
मरीजों के लिए समय से बेड तक उपलब्ध नहीं हो रहा है
80 के आसपास ऑक्सीजन लेवल होने पर भी डिस्चार्ज
फोटो- 01, सदर अस्पताल में इलाजरत मरीज।
सीवान। निज प्रतिनिधि
वैश्विक महामारी कोविड-19 को लेकर स्वास्थ्य विभाग कितना तैयार हैं, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सदर अस्पताल में इलाज को लेकर आने वाले मरीजों के लिए समय से बेड तक उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। ऑक्सीजन लेवल कम होने के बावजूद मरीजों को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जा रहा है। अन्य रोगों के इलाज को लेकर भी कुछ ऐसी ही कुव्यवस्था है। इस विकट परिस्थिति में इलाज कराने सरकारी अस्पतालों में पहुंचे लोगों का दर्द अब बाहर छलकने लगा है। गुरुवार को भी सदर अस्पताल में ऑक्सीजनयुक्त सभी बेड मरीजों से भरे पड़े थे। सांस लेने में परेशानी को लेकर आए मरीजों को बमुश्किल बेड दिया जा रहा था। इधर इलाजरत मरीज मीना देवी के परिजन परेश्वर शर्मा ने बताया कि बुधवार को सांस लेने में परेशानी होने पर उन्हें सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। ऑक्सीजन लेवल अस्सी के आसपास होने के बावजूद इसके अस्पताल प्रबंधन की ओर से जबरन मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया। इस परिस्थिति में मरीज की जान भी जा सकती है। ऐसे कई उदाहरण देखने को मिले हैं।
डेडिकेटेड कोविड हेल्थ केयर सेंटर में मरीजों को नहीं मिल रही हैं सुविधाएं
गुठनी प्रखंड निवासी प्रभुनाथ प्रसाद को सांस लेने में परेशानी होने पर उनके परिजनों ने 25 अप्रैल को महाराजगंज के डेडिकेटेड कोविड हेल्थ केयर सेंटर में भर्ती कराया था। परिजनों ने बताया कि चार दिनों के बाद मरीज को गुरुवार की सुबह नौ बजे डिस्चार्ज कर दिया। लेकिन, सर्टिफिकेट देने के नाम पर उन्हें शाम तक परेशान किया जाता रहा। परिजन ने बताया कि अस्पताल में सुविधा के नाम पर ऑक्सीजन सिलेंडर पर्याप्त है। लेकिन,यहां भी मरीजों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। केवल पैरवी वाले मरीजों को ही पर्याप्त ऑक्सीजन दिया जा रहा है। जबकि कमजोर तबके के अधिकतर मरीज इस सुविधा से वंचित हैं। चार दिनों में मरीज को केवल एक दिन गर्म पानी दिया गया। समय से नास्ता भी नहीं दिया जाता था। परिजन बाहर से खाना खरीदकर मरीज को खिलाते हैं।
जंक्शन पर मिले पॉजिटिव यात्रियों के लिए एंबुलेंस की सुविधा नहीं
स्थानीय जंक्शन पर ट्रेनों से उतरने व जाने वाले यात्रियों की कोविड-19 टेस्ट की जाती है। ऐसे में प्रत्येक दिन कई यात्रियों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव मिलती है। लेकिन, इन यात्रियों के लिए स्वास्थ्य विभाग होम आइसोलेशन के लिए घर भेजते वक्त एंबुलेंस की सुविधा मुहैया कराने की जहमत नहीं उठाता। लिहाजा पॉजिटिव मरीज सवारी गाड़ियों में सवार होकर अपने घर को निकल जाते हैं। सेंटर पर मौजूद एक महिला कर्मी ने बताया कि पॉजिटिव मरीजों की रिपोर्ट हमसब बनाकर सदर अस्पताल को सौंप देते हैं। लेकिन आजतक यहां मरीज को ले जाने के लिए कभी एंबुलेंस नहीं आयी है।

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