मनरेगा की सामग्री मद की राशि निकासी पर रोक

जमुई। मनरेगा आयुक्त सीपी खंडूजा ने जमुई सहित 28 जिलों में सामग्री मद की राशि निकासी पर रोक लगा दी है। लिहाजा लंबे अंतराल के बाद एक बार फिर सामग्री मद की राशि निकासी पर ग्रहण लग गया है। अब संबंधित जिलों के पदाधिकारी द्वारा संबंधित अधिकारियों व कर्मियों से स्पष्टीकरण मांगे जाने के बाद मंतव्य दिए जाने पर ही राशि निकासी संभव है।

मनरेगा आयुक्त की चिट्ठी ने मनरेगा से जुड़े तमाम अधिकारियों को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है। बताया जाता है कि मनरेगा अंतर्गत सामग्री मद पर अनुमान्य लागत 40 फीसद के अनुपालन की अनदेखी कर जमुई सहित 28 जिलों में राशि खर्च कर दी गई। फिलहाल इन जिलों में पौधारोपण पर सामग्री मद पर बकाया राशि की निकासी की हरी झंडी दी गई है। जिसकी निकासी शुक्रवार 11 बजे से की जाएगी।

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अनुपात से अधिक राशि खर्च करने में मुंगेर नंबर वन
मनरेगा में मजदूर और सामग्री पर खर्च की जाने वाली राशि के अनुपात की सर्वाधिक अनदेखी मुंगेर जिले में हुई है। पटना जिला अनुपातिक खर्च के लिए निर्धारित मानदंड के अनुपालन में सबसे आगे है। मानदंड की अनदेखी में जमुई दसवें नंबर पर है। यहां 54.84 फीसद राशि सामग्री पर खर्च की गई है। बकाया की बात करें तो 52.67 फीसद सामग्री मद पर तकरीबन 120 करोड़ राशि बकाया है।
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नियमों की अनदेखी करने वाले जिलों की सूची
जिला - सामग्री पर खर्च की गई राशि
मुंगेर - 67.45, लखीसराय - 64.99, शिवहर - 61.50, रोहतास - 60.96, मधेपुरा - 58.83, नवादा - 57.05, अरवल - 56.88, पूर्णिया - 54.61, गया - 54.45, जमुई - 52.67, सुपौल - 51.38, पूर्वी चंपारण- 50.88, नालंदा - 50.22, भागलपुर - 50.21, अररिया - 49.90, कैमूर - 49.15, बक्सर - 47.89, वैशाली - 46.51, कटिहार - 45.88, मुजफ्फरपुर- 45.33, समस्तीपुर - 45.07, गोपालगंज - 43.82, पश्चिम चंपारण - 43.02, किशनगंज - 42.38, जहानाबाद - 41.80, बांका - 41.74, सिवान - 40.52, मधुबनी - 40.09
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कोट
जिला अंतर्गत क्रियान्वयन इकाइयों द्वारा सामग्री मद पर अनुमान्य 40 फीसद से अधिक लागत के लिए मनरेगा क्रियान्वयन और अनुश्रवण हेतु जवाबदेह पदाधिकारियों और कर्मचारियों से स्पष्टीकरण प्राप्त कर जिला पदाधिकारियों से मंतव्य तलब किया गया है।
सीपी खंडूजा, आयुक्त मनरेगा
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