बदल रहा व्यवहार-विचार, बदलेगी कार्य संस्कृति

-कोरोना का संक्रमण खत्म होने बाद जनजीवन को पटरी पर लौटने में लगेगा वक्त

-गमछे या मास्क से मुंह नाक को ढंके नजर आने लगे लोग, शाम छह बजे के बाद सड़कें हो जाती हैं सूनी
-आस्था में भी दिख रहा बदलाव, मंदिर-मस्जिद में नहीं नजर आती श्रद्धालुओं की भीड़
-रुपये के लेनदेन में हो रहा परहेज, नेट बैंकिग का लोग कर रहे प्रयोग
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कोट
कोरोना का यह संक्रमण काल सामाजिक कई बदलाव का कारण बनेगा। संक्रमण से पहले जिस दुनिया में लोग जीते थे अब वहां लौटने में वक्त लगेगा। लोगों के व्यवहार और विचार में कई परिवर्तन होंगे और कार्य संस्कृति बदल जाएगी।

प्रो. अवनिद्र कुमार सिंह
समाजशास्त्री
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जागरण संवाददाता, सुपौल : कोरोना संक्रमण के खतरे से लोगों का व्यवहार और विचार बदल रहा है। यह बदलाव दिखना भी शुरू हो गया है। गमछे या मास्क से मुंह-नाक ढंके लोग सड़कों पर नजर आने लगे हैं। देर रात तक गुलजार रहनेवाली सड़कें शाम छह बजे के बाद सूनी हो जाती हैं। बाजार में लेनदेन में लोग नेट बैंकिग का प्रयोग कर रहे हैं और रुपये से परहेज हो रहा है। यहां तक कि आस्था में भी बदलाव दिख रहा है। मंदिर और मस्जिदों में श्रद्धालुओं की भीड़ नहीं रहती है। जानकार बताते हैं कि संक्रमण का दौर खत्म होने के बाद भी जनजीवन को पटरी पर लौटने में वक्त लगेगा इसलिए कार्य संस्कृति भी बदलेगी। -----------------------------
लोगों का बदल गया व्यवहार-विचार कोरोना के प्रकोप से लोगों का व्यवहार-विचार बदल गया है। एक-दूसरे से हंसकर, गले मिलकर बतियाने वाले लोग शारीरिक दूरी का पालन करने लगे हैं। कोरोना से बचाव के लिए यह आवश्यक भी है। मेहमानों की आवाजाही बंद है, लोग मेहमानवाजी से कतराने लगे हैं। घंटे दो घंटे के बाद हाथ धोना और सफाई का पूरा ध्यान रखना लोगों की आदत में शुमार हो चला है।
--------------------- परदेश से लोगों का मोह हो रहा भंग
कोरोना संक्रमण को लेकर लगे लॉकडाउन में कामकाज बंद होने के बाद अन्य राज्यों से काफी संख्या में लोग घरों को लौटे थे। कोई बस से तो कोई ट्रक पर सवार होकर घरों को पहुंचा। ऐसे लोगों का परदेश से मोह भंग हो रहा है। वे अपने गांव में ही रोजगार की तलाश में जुटे हैं। ------------------------------
नौकरीपेशा के लोगों का बदला वर्क कल्चर कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सरकारी दफ्तरों में कार्य प्रणाली बदल गई है और बदल गया है कर्मियों का वर्क कल्चर। कर्मियों को दो ग्रुपों में बांटकर एक दिन छोड़कर दूसरे दिन कार्यालय आने का निर्देश है। नियमित दफ्तर आनेवालों के लिए यह नया अनुभव है। ऑफिसों में भी शारीरिक दूरी के पालन का निर्देश है।
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