पोखर निर्माण पर लग सकता ग्रहण, मजदूरों को हो सकती परेशानी

संवाद सूत्र, किशनपुर(सुपौल): प्रखंड के मलाढ़ पंचायत स्थित थरिया पुनर्वास में मनरेगा योजना से जल-जीवन-हरियाली योजना के तहत जीर्णोद्धार कराए जा रहे पोखर को ग्रहण लगता दिख रहा है। जानकारी अनुसार थरिया पुनर्वास में नौआबाखर पंचायत के कोसी विस्थापित लोग बसे हुए हैं। जिन लोगों ने कोरोना काल में मजदूरी कम हो जाने पर मुखिया से काम मांगा तो मुखिया द्वारा पुनर्वास स्थित पोखर का जल-जीवन-हरियाली के तहत मनरेगा योजना से सूखा तालाब बनाने के लिए प्राक्कलन बनवाकर काम शुरू करवाया गया ताकि लोगों को काम मिलने के साथ-साथ सूखे पोखर में जल का भंडारण की भी व्यवस्था हो सके। जिसके लिए मनरेगा के जेई के द्वारा प्राक्कलन तैयार किए जाने के बाद मजदूरों से काम शुरू करवाया गया। जिसका पीओ मनरेगा द्वारा लेबर डिमांड रोके जाने से मजदूरों के मजदूरी भुगतान की समस्या आ गई है। इस संबंध में नौआबाखर मुखिया राम प्रसाद साह ने बताया कि सात दिन तक काम किए जाने के बाद जब लेबर डिमांड लगाने मनरेगा कार्यालय भेजा गया तो पीओ मनरेगा द्वारा मलाढ़ पंचायत के सीमा में पड़ने की बात कह काम रोक दिया गया। जबकि जिस पंचायत के पुनर्वासित लोग पुनर्वास में रहते हैं उसी पंचायत के द्वारा वहां विकास का सभी काम करवाया जाता है। इसके लिए बाकायदा मेरे द्वारा पुनर्वास पदाधिकारी से एनओसी लेने के बाद ही यहां काम शुरू करवाया गया है। ऐसे में काम के रुकने से एक तरफ कोरोना काल में मजदूर मजदूरी से वंचित हो जाएंगे तो दूसरी तरफ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल-जीवन-हरियाली पर भी असर पड़ेगा। इस बाबत पीओ मनरेगा अनंत कुमार शर्मा ने बताया कि कोरोना काल में यहां रह रहे मजदूर ही नहीं बाहर से आने वाले मजदूर किसी मजदूर के पास जॉब कार्ड नहीं है तो हम उनको जॉब कार्ड उपलब्ध करवाकर काम दे रहे हैं। कोरोना काल में ढूंढ-ढूंढ कर मजदूरों को काम दिया जा रहा है। इस योजना के काम को रोके जाने की मुझे कोई जानकारी नहीं है। यदि वहां काम रुका है तो किस परिस्थिति में रोका गया है इसकी हम जांच करवाकर आगे की कार्रवाई करेंगे।


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