महाराजगंज अनुमंडलीय अस्पताल में पांच कोरोना मरीजों की मौत

पेज तीन के लिए

लचर व्यवस्था
कोरोना पॉजिटिव मृतकों में बड़हरिया, गुठनी, रघुनाथपुर, सीवान और हुसैनगंज के लोग शामिल
संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हुई
मृतकों के शवों को पीपीई किट में परिजनों को दिया गया
02 मरीजों ने मौत मंगलवार की देर रात दम तोड़ा
01 मरीज की मौत आधी रात के बाद हुई
फोटो संख्या-19 बुधवार को महाराजगंज अनुमंडलीय अस्पताल में पीपीई किट बिजली सप्लाई दुरुस्त करने पहुंचे बिजलीकर्मी
महाराजगंज। संवाद सूत्र
मुख्यालय के अनुमंडलीय अस्पताल में कोरोना की दूसरी लहर की चपेट में आने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अस्पताल के डीसीएचसी वार्ड में प्रतिदिन कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है। बुधवार को भी पांच लोगों की मौत कोरोना संक्रमण के कारण हो गई। पिछले बीस दिनों में अनुमंडलीय में भर्ती, रेफर व बाहरी मरीजों को मिलाकर 60 से अधिक लोगों की मौत कोरोना से हुई है। ड्यूटी पर तैनात डाक्टरों ने बताया कि डीसीएचसी वार्ड में भर्ती पांच कोरोना मरीजों की मौत हुई है। जिसमें बड़हरिया थाने के लकड़ी दरगाह गांव के 60 वर्षीय नंदलाल साह, गुठनी थाने के बेलौर गांव के 57 वर्षीय सुग्रीव कुशवाहा, रघुनाथपुर के चकरी गांव के धर्मेन्द्र राम का पुत्र सन्नी देओल, सीवान के बिन्द्रसार के देवराज मांझी की पत्नी फुलपति देवी, हुसैनगंज थाने के सिधवल गांव के 65 वर्षीय सुदामा चौधरी शामिल हैं। सभी मरीजों की गंभीर स्थिति को देखते हुए डीसीएचसी वार्ड से पीएमसीएच पटना के लिए रेफर कर दिया गया था। लेकिन, रेफर मरीजों को परिजन नहीं ले जा सके। इसके चलते मरीजों की मौत हो गई। दो मरीजों की मौत मंगलवार की देर रात जबकि एक मरीज की मौत आधी रात के बाद हुई है। मृतकों के शवों को पीपीई किट में परिजनों को दिया गया। साथ आए परिजनों को भी पीपीई किट दिया गया। अंतिम संस्कार को ले कोरोना गाइड लाइन के बारे में बताया गया।
अबतक 65 कोरोना मरीजों की हुई है मौत
अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती, रेफर व बाहरी मरीजों को मिलाकर 65 लोग कोरोना से जंग हार चुके है। मरीजों में अस्पताल के डीसीएचसी वार्ड में भर्ती, रेफर व इलाज के लिए लाए गए भर्ती से पूर्व मृतक शामिल है। अस्पताल के डीसीएचसी वार्ड में 7 अप्रैल को पहले कोरोना मरीज को भर्ती किया गया था। 16 अप्रैल को आंदर के 72 वर्षीय पहले कोरोना मरीज की मौत हुई थी। जिसके बाद से मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। कोरोना के विकराल रूप ने कई घरों की खुशियां छीन ली है। आगे कोरोना से किसी की मौत नहीं हो इसके लिए हर घर में प्रार्थना हो रही है व दुआएं मांगी जा रही है।
---------
कोरोना से डॉक्टर समेत दो लोगों की मौत
पचरुखी। कोरोना की बढ़ती लहर में बुधवार को एक डॉक्टर समेत दो लोग असमय काल के गाल में समा गये। मृतकों में थाने के ही इटवां गांव निवासी डॉ. गोरख कुमार व गम्हरिया गांव निवासी दिगम्बर ओझा थे। मौत की सूचना के बाद एक तरफ दोनों के परिजनों में जहां कोहराम मचा है। वहीं दूसरी तरफ ग्रामीणों में भय का माहौल कायम हो गया है। इधर सीएचसी में बुधवार को एंटीजन किट से जांच में 16 मरीजों का रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव मिली है। बता दें कि सीएचसी में 73 संदिग्ध मरीजों का कोरोना जांच एंटीजन किट से की गयी। जिसमें 16 मरीजों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव मिली। जबकि 57 संदिग्धों की रिपोर्ट निगेटिव मिली है।
कोरोना ने बुझा दिया घर का इकलौता चिराग
दरौली। प्रखंड क्षेत्र में कोरोना ने लगातार कहर बरसाना शुरू कर दिया है। प्रखंड में लगातार मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। साथ हीं संक्रमण का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। प्रखंड के पुनक बुजुर्ग में एक युवक की इलाज के दौरान बुधवार को मौत हो जाने से खलबली मच गई। मृत युवक पुनक बुजुर्ग गांव निवासी आनंद बिहारी मिश्रा का 25 वर्षीय इकलौता पुत्र धीरज कुमार मिश्रा था। इकलौते पुत्र की मौत के बाद पूरा गांव में मातम का माहौल है। धीरज को दस दिन से बुखार था। सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। जब कोरोना जांच करायी तो रिपोर्ट पॉजिटिव आया। उसके बाद परिजनों ने इलाज के सीवान डायट में बने कोविड अस्पताल में भर्ती कराया। जहां इलाज चलने के बाद गोरखपुर ले जा रहे थे। इसी दौरान रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। घर के इकलौते चिराग के बुझने से परिवार को लोगों ने ढांढस बढ़ाया। मृत युवक अपने गांव में हीं बसुधा केंद्र चलाता था। मृत युवक धीरज मिश्रा की साढ़े चार महीना पहले शादी हुई थी। अपने इकलौते पुत्र के मौत के बाद पिता आनंद विहारी मिश्रा व माता शारदा देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। रोने के क्रम में पिता बोल रहे थे कि अब बुढ़ापे का कौन सहारा होगा। वहीं मृत युवक की पत्नी स्वाति देवी भी कोरोना पॉजिटिव है। पति के निधन से रो-रोकर बार-बार अचेत हो रही है।
----------------------
सांस की परेशानी से दम तोड़ रहे है लोग
सुविधा नहीं
क्षेत्र में दो दिन में सात लोगों ने तोड़ा दम
सांस लेने में परेशानी के बाद हो रही मौत
मैरवा। एक संवाददाता
दूसरी लहर के बीच सांस की परेशानी से दम तोड़ने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। नगर क्षेत्र और बभनौली में दो दिन में सात से अधिक लोग दम तोड़ चुके हैं। बभनौली गांव के एक मृतक के कोरोना पाजिटिव होने की बात बताई जा रही है। मरने वाले लोगों में अधिकांश को बुखार और सांस लेने में परेशानी थी। इसमें एक शिक्षिका, मेडिकल स्टोर का मालिक और निजी लैब का संचालक भी शामिल है। पांच लोगों की उम्र पचास से कम थी। रेफरल अस्पताल में कोविड के मरीज को भर्ती नहीं किया जा रहा है। जिससे अधिकांश लोग निजी अस्पताल का रूख कर रहे हैं। आक्सीजन लेवल कम होने की शिकायत के बाद निजी अस्पताल के डाक्टर भी कोई रिस्क नहीं ले रहे हैं। निजी अस्पताल में बुखार और सांस की परेशानी होने पर चिकित्सक भर्ती करने से इंकार कर रहे हैं। अस्पताल संचालक आक्सीजन उपलब्ध नहीं होने की बात बता रहे हैं। आक्सीजन की कमी बनी हुई है। निजी वेंडर भी आक्सीजन सप्लाई नहीं कर रहे हैं। प्रशासन की सख्ती के बाद आक्सीजन रिफलिंग करने वाले दुकानदारों ने अपनी दुकान बंद कर दी है। कोरोना वायरस की दूसरी लहर में वायरस सबसे ज्यादा फेफड़े को संक्रमित कर रहा है। जिससे मरीज को सांस लेने में परेशानी हो रही है। ऐसे मरीज को समय पर आक्सीजन और बेहतर इलाज नहीं मिलने से मौत हो रही है।

अन्य समाचार