लॉक डाउन के बाद गरीबों के सामने भरण पोषण की विकट समस्या

छपरा। निज संवाददाता

कोरोना महामारी की दूसरी लहर में लगे लॉकडाउन से दैनिक मजदूरों, ठेला वाले, रिक्शा चालकों आदि पर परिवार का भरण पोषण करने की विकट समस्या उत्पन्न हो गई है। एक ठेला चालक सुदामा राय रोज कमाता व खाता है। बाजार 4 घंटे ही खुलने से उसके काम पर बुरा असर पड़ा है। उसने बताया कि पहले मैं रोज चार-पांच सौ कमा लेता था। अब दो सौ के नीचे ही कमा रहा हूं। परिवार चलाना मुश्किल हो गया है। एक अन्य ठेला चालक मदन चौधरी ने बताया कि पहले दिन भर काम मिलता था। पैसा भी मुंह मांगा मिल जाता था अब दो घंटे में ही कमाने का समय मिल रहा है। इतनी देर में दो सौ से ज्यादा नहीं कमा सकता। रोज काम करने वाला जीव प्रसाद ने बताया कि काम की तलाश में 10 किलोमीटर दूर से टेकनिवास से शहर आता हूं। काम नहीं मिलने पर वापस लौटना पड़ रहा है। अब इंतजार है कि काम कब मिलता है। रिक्शा चालक मुश्ताक ने बताया कि लॉकडाउन से सवारी की बहुत कमी है। परिवार चलाने लायक पैसा कमा नहीं पा रहा हूं। किसी तरह थोड़े पैसे देकर किराना वाले से बाकी सामान ले रहा हूं। वह भी कब तक देगा। ऐसे में जिंदगी कैसे कटेगी, सोचना पड़ेगा।

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