दंदासपुर पंचायत में अब तक सेनेटाइजेशन नहीं, बढ़ रहे मरीज

दंदासपुर पंचायत में अब तक सेनेटाइजेशन नहीं, बढ़ रहे मरीज

प्रखंड मुख्यालय की पंचायत है दंदासपुर
सेनेटाइजेशन नहीं होने से लोगों की नाराजगी
लहलादपुर। एक संवाददाता
कोरोना संक्रमण से दंदासपुर पंचायत कराह रहा है। यहां संक्रमितों की संख्या प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इसके बावजूद इस पंचायत के किसी भी वार्ड में सेनेटाइजेशन नहीं किया जाता है,जबकि दंदासपुर पंचायत में ब्लॉक हेडक्वार्टर, हॉस्पीटल, थाना कार्यालय, बैंक आदि कई सरकारी संस्थान अवस्थित है। या यूं कहे लहलादपुर प्रखंड की हृदयस्थली है दंदासपुर पंचायत। इसी पंचायत में जनता बाजार भी आता है। प्रखंड मुख्यालय का बाजार होने की वजह से यहां कई गांवों के लोग बाजार करने आते है।
संक्रमितो की संख्या दो दर्जन के पार
पंचायत में दंदासपुर, हरपुरकोठी, लहलादपुर व सारण मुख्य गांव शामिल है। जनता बाजार भी इसी पंचायत में शामिल है। अस्पताल से मिले आंकड़ो के मुताबिक इन सभी गांवों में कोरोना पॉजीटिव मरीजों की संख्या पच्चीस से भी अधिक है। कोरोना से मरने वालों की संख्या सरकारी स्तर पर दो बताई गयी है जबकि संदिग्ध मौतो की संख्या एक दर्जन से अधिक है। अकेले इस पंचायत में बुखार या मौसमी बीमारियों से करीब डेढ़ सौ से अधिक मरीज पीड़ित हैं। हालांकि इनमें से कइयो ने अभी कोरोना टेस्ट नहीं कराया है। यहां के लोग कोरोना को ले डरे हुये हैं।
सरकारी अस्पताल में इलाज की सुविधा नहीं
इस पंचायत में कहने के लिये पीएचसी लहलादपुर अस्पताल है लेकिन वहां इलाज की मुकम्मल व्यवस्था नहीं है। अस्पताल में बुखार से या अन्य रोगों से पीड़ित मरीजों की कोरोना जांच की सुविधा है। कोरोना पॉजीटिव रिपोर्ट मिलने के बाद मरीज को अस्पताल में भर्ती करने की कोई सुविधा इस अस्पताल में नहीं है। मेडिकल स्टाफ कोरोना मरीजों को छपरा रेफर करते है या घर पर होम आइसोलेशन में रहने की सलाह देते है।
कर्ज लेकर लोग करा रहे इलाज
कोरोना पॉजीटिव से पीड़ित मरीजों के परिजन इलाज के लिये कर्ज लेने को विवश हो गये हैं। कोरोना के इस संकट की घड़ी में मेडिकल दुकानदार भी दवाई उधार नहीं दे रहे है। मंजू देवी ने बताया की उसके पति बीमार है। अस्पताल में पति को ले कर गयी तो कोरोना टेस्ट निगेटिव आया।पति बुखार से पीड़ित है उसके इलाज व दवाई के लिये सूद पर कर्ज लेना पड़ गया। सरकारी अस्पताल में न कोई डॉक्टर मिल रहे और न कोई दवाई। चंदा देवी ने बताया की उसके पति बाहर रहते हैं। बाहर में काम धंधा बंद हो गया है । उसने गांव में ही एक साहूकार के यहां गहने गिरवी रख उधार पर रुपये लिया है। घर पर बेटी बीमार है। जांच में उसे टायफायड है। प्रतिदिन ईलाज पर करीब पांच सौ रुपये का खर्च आ रहा है।

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