कोरोना ने बदली मानसिकता, बदल रहा शादी-विवाह का ट्रेंड

-वैवाहिक समारोहों में संख्या निर्धारित होने के बाद बैंड वालों की हो रही छ़ुट्टी

-पंडालों का आकार हुआ छोटा, मोबाइल पर ही भेज रहे शुभकामना संदेश
जागरण संवाददाता, सुपौल : कोरोना ने लोगों की मानसिकता में जबरदस्त बदलाव लाया है। कोरोना से बचाव को लेकर मास्क पहनना और शारीरिक दूरी का पालन करना लोगों के जीवन का हिस्सा बन गया है। इस बदलाव का असर शादी समारोहों में भी देखा जा रहा है। एक तो जिन लोगों के बेटे-बेटियों की शादी पहले से तय है वे शादी को फिलहाल टालने के मूड में दिख रहे हैं वहीं जिनकी शादी की तैयारी हो गई है वे भी बदले ट्रेंड में शादी का आयोजन कर रहे हैं। वैवाहिक समारोहों में शामिल होने वाले लोगों की संख्या निर्धारित होने के बाद बैंड वालों की छुट्टी हो रही है। शादी समारोहों में पंडालों का आकार छोटा पड़ने लगा है, अतिथि भी शादी में शामिल होने की जगह मोबाइल पर शुभकामना संदेश भेजकर शामिल नहीं हो पाने के लिए खेद जता रहे हैं।

शादियों में फिजुलखर्ची और भीड़भाड़ कोरोना संक्रमण काल से पूर्व पहचान तो रही ही साथ ही स्टेटस सिबल भी। लोग अपने बेटे-बेटी की शादी में औकात से अधिक खर्च करते थे और धूमधाम से ब्याह रचाते थे। कोरोना का साया लहराने के बाद भीड़भाड़ पर पाबंदी लगी और शादी समारोहों में लोगों के शामिल होने की संख्या निर्धारित कर दी गई। ऐसे में बारात कम हो इसके लिए शादियों में बैंड बाजा की प्राथमिकता कम होने लगी। कारण बैंड पार्टी में 15-20 सदस्य होते हैं। ऐसे में शादी में बैंड बाजा नहीं ले जाना ही लोग मुनासिब समझने लगे। शादी समारोहों में 50 लोगों के शामिल होने की बाध्यता के कारण पंडालों का आकार भी छोटा पड़ने लगा है। मुख्यमंत्री की फिलहाल शादियों को टालने की अपील के बाद कई लोग शादी को आगे टालने के मूड में भी दिखने लगे हैं। एक तो गहराता कोरोना संक्रमण और दूसरा जारी लॉकडाउन के कारण शादियों में परेशानी भी काफी हो रही है। दूसरी वजह लोग ऐसे समारोहों में जाने से भी परहेज कर रहे हैं। बहरहाल कोरोना संक्रमण को देखते हुए जहां ऐसे समारोहों को कुछ दिनों के लिए टालने में ही भलाई है वहीं यह वक्त की मांग भी है।
शॉर्ट मे जानें सभी बड़ी खबरें और पायें ई-पेपर,ऑडियो न्यूज़,और अन्य सर्विस, डाउनलोड जागरण ऐप

अन्य समाचार