नया नहीं है BJP सांसद का एंबुलेंस विवाद, 2002 में डीएम ने किया था जब्त, जानें सियासी बवाल की पूरी कहानी

बिहार में कोरोना महामारी के बीच एंबुलेंस को लेकर विवाद जारी है। जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव और बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी के बीच वार-पलटवार का दौर जारी है। इस विवाद की शुरुआत सात मई को तब हुई जब पप्पू यादव ने एक वीडियो जारी किया। इसमें उन्होंने बीजेपी सांसद के दफ्तर में धूल फांक रहीं एंबुलेंस को लेकर सवाल किए।

किसके निर्देश पर एंबुलेंस को छिपाकर रखा है पप्पू यादव ने सात मई को ट्वीट कर पूछा, 'बीजेपी के पूर्व केंद्रीय मंत्री, राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव प्रताप रूडी जी के अमनौर स्थित कार्यालय परिसर में दर्जनों एंबुलेंस बरामद! सांसद विकास निधि से खरीदी गईं एंबुलेंस किसके निर्देश पर यहां छिपाकर रखी गई हैं, इसकी जांच हो? सारण डीएम, सिविल सर्जन यह बताएं! बीजेपी जवाब दे!'
ड्राइवर की व्यवस्था करें पप्पू यादव इसपर बीजेपी सांसद बुरी तरफ बिफर गए और उन्होंने पलटवार करते हुए बयान जारी कर कहा कि अनधिकृत रूप से पप्पू यादव ने अपने काफिले के साथ अमनौर के सामुदायिक केंद्र परिसर में शुक्रवार को प्रवेश किया। वहां के चौकीदार और अन्य कर्मियों से भिड़ते हुए कोविड के कारण चालकों की कमी से पंचायतों द्वारा लौटाए गए एंबुलेंस जो सुरक्षित रखे गए थे उसकी फोटो खींचने के लिए तहस-नहस किया। साथ ही चुनौती देते हुए कहा कि यदि पप्पू यादव को इतनी ही पीड़ा है तो अविलंब ड्राइवर की व्यवस्था कर सारण आएं। मेरे पास चालक मुक्त जितनी एंबुलेंस हैं मैं उन्हें उनको परिचालन के लिए देने के लिए तैयार हूं।
खड़ी की 40 ड्राइवरों की सेना आज यानी आठ मई को पप्पू यादव ने बीजेपी सांसद की चुनौती को स्वीकार करते हुए लाइसेंसधारी 40 ड्राइवरों की सेना खड़ी कर दी। साथ ही कहा कि बिहार सरकार जहां भी एंबुलेंस को ड्राइवर की जरूरत हो, वे लें जाए। इसके लिए उन्होंने जाप के राष्ट्रीय महासचिव प्रेमचंद सिंह का नंबर 9334123702 जारी किया और कहा कि सरकार इन ड्राइवर को सरकारी नौकरी भी दे। यादव ने महामारी एक्ट के तहत भाजपा नेता राजीव प्रताप रूडी पर मुकदमा दर्ज करने की भी मांग की।
मरीजों की बजाय बालू ढोने में हो रहा एंबुलेंस का इस्तेमाल मामला यहीं पर खत्म नहीं हुआ शनिवार शाम को पप्पू यादव ने बीजेपी सांसद के एंबुलेंस से जुड़ा एक वीडियो जारी किया। इसमें दिख रहा है कि इनके इस्तेमाल मरीजों की बजाय बालू ढोने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'एंबुलेंस का राजीव प्रताप रूडी जी बालू ढोने में बहुत बेहतरीन उपयोग कर रहे थे। इसके लिए उनके पास ड्राइवर भी उपलब्ध था। लेकिन बीमारों की मदद के लिए एंबुलेंस चलाने के लिए ड्राइवर नहीं था।' 
पप्पू यादव पर अमनौर में दर्ज हुई एफआईआर सारण के सांसद राजीव प्रताप रूडी के संसदीय मद से खरीदी गई एंबुलेंस को छिपा कर रखने के मामले में मचे बवाल के बाद अमनौर थाने में पप्पू यादव व उनके गार्ड पर एफआईआर की गयी है। सारण प्रशासन ने उनके खिलाफ मारपीट करने और लॉकडाडन का उल्लंघन करने के मामले में दो एफआईआर दर्ज की है। अमनौर के जयप्रभा सामुदायिक केंद्र के केयर टेकर और गार्ड ने पप्पू यादव और उनके अंगरक्षक पर मारपीट कर कंधे पर लाठी से वार करने, तोड़फोड़ और हंगामा करने का आरोप लगाया है। 
नया नहीं है रूडी का एंबुलेंस विवाद पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी के एंबुलेंस का विवाद नया नहीं है। इसके पहले भी कई बार एंबुलेंस को लेकर विवाद हो चुका है। वर्ष 2002 में सबसे पहले एंबुलेंस को लेकर विवाद हुआ था। उस समय के डीएम पंकज कुमार ने राजीव प्रताप रूडी के सभी एंबुलेंस को जब्त कर लिया था और रातों-रात अपने आवास पर खड़ा करवा लिया था। 
कुछ एंबुलेंस राजेंद्र स्टेडियम में भी जिला प्रशासन की देखरेख में रखे गए थे। जानकारी के मुताबिक, रूडी के एंबुलेंस के दुरुपयोग के बारे में जिलाधिकारी को जानकारी मिल रही थी। लोगों ने एंबुलेंस के निजी उपयोग की शिकायत जिलाधिकारी से की थी। इसके बाद जिलाधिकारी ने जांच कराई तो मामला सत्य पाया और रातों-रात सभी एंबुलेंस को जब्त करवा लिया। 
जानकारी के मुताबिक 10 मई 2002 को जिलाधिकारी पंकज कुमार ने अपनी प्रशासनिक क्षमता व अधिकार के नाते सभी एंबुलेंस को जब्त करने का फरमान जारी किया था। इसके बाद राजीव प्रताप रूडी ने जिलाधिकारी पर पक्षपात करने का भी आरोप लगाया था। 
बताया जाता है कि राजीव प्रताप रूडी ने उस समय के मुख्यमंत्री रहे लालू प्रसाद से भी जिलाधिकारी के कार्यकलापों की शिकायत की थी। उसके बाद ही 14 मई को जिलाधिकारी पंकज कुमार का तबादला छपरा कर दिया गया। राजनीति से जुड़े लोगों का यह भी कहना है कि हालांकि उस समय राजीव प्रताप रूडी बीजेपी सांसद थे और लालू प्रसाद राजद के थे।

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