मां के आशीर्वाद व प्यार ने आसान कर दी हर मंजिल

मां की प्रेरणा ने बलदेव को बनाया आईएएस

छपरा। शहर के कचहरी स्टेशन रोड निवासी बलदेव पुरुषार्थ की मां की इच्छा थी कि मेरा बेटा आईएएस बने। ऐसे में उन्होंने न सिर्फ तैयारी कर सफलता अर्जित की बल्कि बेहतर रैंक भी लाया। डॉ बीपी सिंह व हाउस वाइफ माधुरी सिंह के होनहार पुत्र ने वर्ष 2001 में यूपीएससी की प्रतिष्ठित परीक्षा पास कर मां के सपनों को पूरा किया। नेतरहाट से पढ़ाई पूरी करने के बाद बलदेव पुरुषार्थ ने पटना साइंस कॉलेज से भी अपनी पढ़ाई की। उन्होंने बताया कि पढ़ाई के दौरान मां उन्हें कलक्टर बनने के लिए प्रेरित करती थी। मां की प्रेरणा से ही उन्होंने आईएएस की प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता हासिल की। अभी वित्त मंत्रालय में ज्वाइंट सेक्त्रेट्री का पद संभाल रहे बलदेव पुरुषार्थ ने कहा कि जब तक दिन में एक बार वे मां से बात नहीं कर पाते तब तक मन हमेशा बेचैन ही रहता है। मां से फोन पर बात होने के बाद लगता है कि दुनिया की हर खुशी उन्हें नसीब हो गई है। मदर्स डे पर बातचीत करते हुए बलदेव पुरुषार्थ ने कहा कि पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी पर ध्यान केंद्रित कर लिया लेकिन मां की इच्छा थी कि वह आईएएस बने। वह जब भी घर आते, मां हमेशा उससे आईएएस की तैयारी करने को कहती। ऐसे में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। शुरू में विफल होने के बाद उन्हें निराशा तो हुई लेकिन मां ने फिर साहस बढ़ाया। इसका परिणाम यह निकला कि उन्होंने कड़ी मेहनत की और 2001 की परीक्षा में बेहतर रैंक गया। बलदेव पुरुषार्थ का कहना है कि मेरी सफलता में मां की प्रेरणा और परिश्रम का विशेष योगदान है। भाई बलदेव सिद्धार्थ के योगदान की भी चर्चा करते हुए भावुक हो गए। वह कहते हैं कि मंजिल को पाने की राह में किसी भी तरह की कठिनाइयों, कमियों को आड़े नहीं आने देना चाहिए। हमारे पैरंट्स हमारी कामयाबी के लिए बड़े-बड़े सपने देखते हैं, जिसे पूरा करने के लिए सिर्फ कठिन मेहनत की आवश्यकता होती है। उसके बाद सफलता खुद आपके कदम चूमेगी।

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