पप्पू यादव की गिरफ्तारी के खिलाफ एआइएसएफ ने मनाया राज्यव्यापी विरोध दिवस

मधेपुरा। कोरोना महामारी के दौर लगातार असहाय लोगों की सेवा कर रहे मधेपुरा के पूर्व सांसद पप्पू यादव को एक साजिश के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजने पर एआइएसएफ बिहार ने गुरुवार को राज्यव्यापी विरोध दिवस मनाया। साथ ही लॉकडाउन के नियमों के दायरे में सरकार का विरोध किया। संगठन के राष्ट्रीय परिषद् सदस्य हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने सरकार की नीति पर विरोध व्यक्त करते हुए राष्ट्रपति, सूबे के मुखिया व महामहिम राज्यपाल को पत्र लिख पप्पू यादव, संगठन के नेता रजनीकांत सहित जनसेवा से जुड़े कोरोना की आड़ में गिरफ्तार अन्य लोगों की अविलंब रिहाई की मांग की है। कोरोना काल में सरकार की पोल खोलने वाले जनसेवकों को जेल में देने के बजाय लचर व्यवस्था के खेल को सरकार बंद करें। अत्यावश्यक सुविधाओं को निशुल्क कर इसके कालाबाजारी करने वालों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों जिनकी रिपोर्ट निगेटिव है पॉजिटिव कर मारने की साजिश सरकार कर रही है। पप्पू यादव की गिरफ्तारी कई स्तरों पर उच्चतम न्यायालय के आदेश की अवहेलना भी है। सरकार की बेबसी व लचर व्यवस्था के बीच वे लोग कइयों की उम्मीद बने थे। इससे सरकार घबरा गई थी। इन लोगों को जेल में भेजने के बजाय इनके द्वारा उजागर जनता के काम आने वाली एंबुलेंस, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर आदि की कालाबाजारी करने व दुरुपयोग करने वाले पदाधिकारी व जनप्रतिनिधि पर नकेल कसने की जरूरत है। पत्र में उन्होंने मांग किया कि वर्तमान भयावह स्थिति में सरकार को पूरी तरह सक्रिय होने की जरूरत है और निजी अस्पताल को कोरोना काल के लिए अधिग्रहण करते हुए सुदूर इलाकों तक आरटीपीसीआर सुनिश्चित करनी चाहिए। वहीं, पर्याप्त संख्या में स्वास्थ्यकर्मी, ऑक्सीजन, बेड, वेंटिलेटर सुनिश्चित करने की ईमानदारी पूर्वक रूपरेखा बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकार तानाशाही रवैये कि जगह जनता के दुख दर्द को कम करने का प्रयास करें अन्यथा इसके परिणाम जनांदोलन सरकार के खिलाफ गुस्सा के रूप में फूट सकता है।


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