बदल सकता है कोरोना के टेस्ट का तरीका, RTPCR की जगह फेलूदा किट से 2 घंटे में मिलेगा सटीक परिणाम

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। फेलूदा परीक्षण किट का ज्यादा प्रयोग करने के सवाल पर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने बृहस्पतिवार को दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआइआर) द्वारा विकसित की गई कोरोना टेस्ट किट फेलूदा को आरटीपीसीआर जैसी लोकप्रियता इसलिए नहीं मिली क्योंकि ये अधिक महंगी है।

फेलूदा परीक्षण किट 300 रुपये की तो आरटीपीसीआर की लागत महज 100 रुपये
आइसीएमआर ने न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ को बताया कि फेलूदा टेस्टिंग किट की कीमत जहां 300 रुपये है वहीं आरटीपीसीआर की लागत 100 रुपये है। आइसीएमआर की तरफ पेश हुए स्टैंडिंग काउंसल अनुराग अहलूवालिया ने पीठ को बताया कि फेलूदा का फायदा यह है कि इसकी परीक्षण किट अधिक मोबाइल है और इसे इधर-उधर ले जाया जा सकता है।
स्थिति सामान्य होने पर हो सकता है इस्तेमाल
इसके अलावा इसके लिए आरटीपीसीआर की तुलना में प्रयोगशाला की आवश्यकता नहीं होती है। नमूने साइट पर एकत्र किए जा सकते हैं और परिणाम दो घंटे से भी कम समय में दिए जा सकते हैं। इस पीठ ने कहा कि एक बार कर्फ्यू हटने के बाद स्थिति सामान्य होने पर फेलूदा का इस्तेमाल किया जा सकता है।
आइसीएमआर ने यह जानकारी हाई कोर्ट द्वारा दस मई को उठाने गए सवालों पर दी। हाई कोर्ट ने पूछा था कि फेलूदा को आरटीपीसीआर जैसी लोकप्रियता क्यों नहीं मिली है। पीठ ने कहा कि सभी आइसीएमआर अनुमोदित परीक्षण आम जनता के लिए उपलब्ध होने चाहिए और विशेष रूप से वे जो सस्ते हैं और सटीक व तेज परिणाम देते हैं।

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