जर्मनी में बैन हुई वॉट्सऐप की प्राइवेसी पॉलिसी, क्या भारत भी कदम उठाएगा?

मैसेजिंग के लिए दुनिया भर में लोकप्रिय वॉट्सऐप के लिए उसकी नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर मुश्किलें बढ़ रही हैं। जर्मनी की हैम्बर्ग डेटा प्रोटेक्शन एजेंसी ने वॉट्सऐप की मालिक फेसबुक पर नई पॉलिसी के तहत वॉट्सऐप से यूजर्स के किसी भी अतिरिक्त डेटा की प्रोसेसिंग करने पर रोक लगा दी है।

इस प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर कई देशोंऔर यूजर्स ने नाराजगी जताई है। इसका कारण वॉट्सऐप का फेसबुक के साथ अतिरिक्त डेटा शेयर करना और यूजर्स पर इस पॉलिसी को स्वीकार करने का दबाव डालना है।
वॉट्सऐप के नए नियम और शर्तें 15 मई से लागू हो जाएंगे और वॉट्सऐप ने पहले ही चेतावनी दी है कि प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार नहीं करने वाले यूजर्स को ऐप का इस्तेमाल नहीं करने दिया जाएगा।
नई पॉलिसी की घोषणा जनवरी में की गई थी और इसे स्वीकार करने के लिए यूजर्स को 8 फरवरी तक की समयसीमा मिली थी। हालांकि, पॉलिसी को लेकर कड़ा विरोध होने के बाद वॉट्सऐप ने इसे लागू करना 15 मई तक टाल दिया था। इसे अब दोबारा टाल दिया गया है।
भारत में भी वॉट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी का विरोध हो रहा है। IT मिनिस्ट्री यह जांच कर रही है कि इस पॉलिसी से देश के कानूनों का उल्लंघन होता है या नहीं। कुछ यूजर्स ने इस मुद्दे पर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं भी दाखिल की हैं।
केंद्र सरकार ने पॉलिसी की जांच पूरी होने तक वॉट्सऐप से इसे लागू करना टालने के लिए कहा है। मिनिस्ट्री ने इस बारे में वॉट्सऐप को पत्र लिखकर भी विरोध जताया था।
वॉट्सऐप के यूजर्स की बड़ी संख्या भारत में है। अगर देश में इस प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर कोई कड़ा कदम उठाया जाता है तो वॉट्सऐप को भारी नुकसान हो सकता है।
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