आरटीपीसीआर जांच बना लोगों के लिए गले की हड्डी, भारी परेशानी से जूझ रहे लोग

संस, रूपौली (पूर्णिया) : प्रखंड में आरटीपीसीआर जांच यहां लोगों के लिए गले की हड्डी बनती जा रही है, 48 घंटे में जांच रिपोर्ट आने की बात कही जा रही है, परंतु वह दस दिन बाद आया है, उसमें पॉजिटिव आया है । इस बात का खुलासा रेफरल के कोविड-19 ग्रूप से हुआ है । इस ग्रुप में जांच करवाए हुए सभी व्यक्ति जूडे़ हुए हैं । सभी लोग 48 घंटे बीत जाने के बाद अपनी-अपनी जांच-रिपोर्ट आने की सूचना के लिए लगातार मोबाइल तथा रेफरल अस्पताल में पूछ-पूछकर परेशान रहते हैं । सरकार की इस कुव्यवस्था पर लोग अंगुली उठाने लगे हैं कि कहीं यह जांच कागज पर ही तो नहीं हो रही है । साथ ही सरकार कोरोना के प्रति असंवेदनशील नजर आती दिख रही है । इस संबंध में तेलडीहा गांव के दिवाकर सिंह ने बताया कि उनके द्वारा 5 मई को रेफरल अस्पताल में आरटीपीसीआर जांच कराया था, 48 घंटे बीत जाने के बाद वे लगातार रिपोर्ट के लिए परेशान थे। 12 मई को पोजिटिव रिपोर्ट आयी, जबकि एंटीजेन रिपोर्ट निगेटिव था । आखिर इतने दिनों बाद इस रिपोर्ट से किसे फायदा होनेवाला है । वे ना तो दवा खा पाए, और ना ही और कुछ कर पाए । आखिर इतने दिनों बाद रिपोर्ट आने के बाद क्या फायदा हो रहा है । इसके अलावा भी सैकड़ों लोग रिपोर्ट के लिए परेशान हैं, आखिर इतनी जांच के बाद भी रिपोर्ट समय से क्यों नहीं भेजी जा रही है। कब तक यह व्यवस्था सुधरेगी । कोट : आरटीपीसीआर की जांच दरभंगा में होती है । जांच के बाद इस जांच को सीधा दरभंगा भेज दिया जाता है । किस कारण से देर हो रही है, उन्हें पता नहीं है, परंतु जांच रिपोर्ट की मांग समय बीतने के साथ लगातार फोन एवं ईमेल के द्वारा की जाती रहती है । डॉ. राज आर्यन, चिकित्सा प्रभारी, रेफरल अस्पताल, रूपौली ।


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