मधुबनी में ट्रेंचिंग ग्राउंड से अतिक्रमण हटाने में नगर निगम नकारा साबित, अतिक्रमण से बढ़ी परेशानी

मधुबनी, जासंं। नगर निगम की सप्ता स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड वाली रकवा चार बीघा 16 कट्ठा 28 धुर जमीन पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा है। ट्रेंचिंग ग्राउंड बड़े भूभाग को अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराने की दिशा में अब तक नगर निगम को कोई खास सफलता नहीं मिली है। देखा जाए तो नगर निगम अपनी बड़ी रकवा वाली जमीन के अतिक्रमणकारियों के समक्ष अब तक बौना साबित होता आया है। ट्रेंचिंग ग्राउंड वाली जमीन पर दर्जनों मकान नजर आ रहे है।

फर्जी दस्तावेज के सहारे बेच दी ट्रेंचिंग ग्राउंड की जमीन
ट्रेंचिंग ग्राउंड की जमीन के आस-पास रहने वाले कुछ भू-माफियाओं ने ट्रेंचिंग ग्राउंड की जमीन की फर्जी दस्तावेज के सहारे अनेकों लोगों से बेच की गई। जमीन की खरीदारी करने वालों ने जैसे-तैसे अपने नाम दाखिल खारिज भी करा लिया। फिर लोगों ने जमीन पर निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया। इतना होने के बाद भी तत्कालीन नगर परिषद के पदाधिकारीगण सिर्फ कागजी घोड़ा दौड़ाते रहे। साल दो साल पर ट्रेंचिंग ग्राउंड वाली जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने की विभागीय प्रकिया शुरु होती रही। मगर प्रकिया ट्रेंचिंग ग्राउंड पर पहुंचकर दम तोड़ दिया। कई दफे ट्रेंचिंग ग्राउंड की जमीन की मापी का आदेश जारी किया गया। मापी के लिए अमीन घंटा दो घंटा के लिए स्थल पर समय देने की खानापूर्ति भी होती रही। मगर, इतना होने तक के बाद फाइल दब जाती रही।
तीन दशक पूर्व तक ट्रेंचिंग ग्राउंड में फेंकी जाती थी गंदगी
आजादी से से पूर्व स्थापित ट्रेंचिंग ग्राउंड पर तीन दशक पूर्व तक शहर से निकलने वाले गंदगी को फेंका जाता था। करीब तीन दशक पूर्व इस ग्राउंड का बड़ा भू-भाग स्थानीय कुछ लोगों को सब्जी उत्पादन के लिए लीज पर दिया गया था। जिससे नगर निगम को प्रतिवर्ष मोटी राजस्व की आमदनी होती थी। बाद में शुरू हुआ फर्जी दस्तावेज के सहारे ट्रेंचिंग ग्राउंड की हथियाने का खेल। कई भू-माफियाओं ने ट्रेंचिंग ग्राउंड की जमीन बेचना शुरू कर दिया। जिसकी भनक तत्कालीन नगर पालिका के पदाधिकारियों को मिली। स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत जिला प्रशासन को भी दी गई। जिला प्रशासन नगर परिषद को कार्रवाई के निर्देश दिया जाता रहा। मगर, इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई के बजाय कई पदाधिकारी भी ट्रेंचिंग ग्राउंड की बिक्री करने वाले भू-माफियाओं से सांठ-गांठ कर जेब गरम करना ही उचित समझा। जिससे आज तक ट्रेंचिंग ग्राउंड की जमीन अतिक्रमणकारियों के कब्जे में है। इतना ही नहीं जमीन लीज पर लेने वालों ने नगर परिषद को लीज की तय राशि का भुगतान करना भी बंद कर दिया।
नगर निगम की कई भूखंडों पर बना है वर्षो से अतिक्रमण
ट्रेंचिंग ग्राउंड के अलावा शहर में नगर निगम की कई भूखंडों पर वर्षो से अतिक्रमण बना है। मगर, नगर निगम प्रशासन बेशकीमती भूखंडों को मुक्त कराने में उदासीन बना है। इधर, नगर निगम कार्यालय के सामने निगम की अपनी भवन धराशायी होने की स्थिति में पहुंच गया है। इस जर्जर भवन में अवैध रूप से कई अवकाशप्राप्त कर्मियों पर भवन को धराशायी होने का खतरा मंडरा रहा है। बताया जाता है कि इस भवन में रह रहे अवकाशप्राप्त मजदूरों को कई दफे भवन खाली करने का निर्देश देने के बाद भी भवन खाली नहीं किया जा रहा है।
- 'ट्रेंचिंग ग्राउंड संबंधी जानकारी लेकर इस दिशा में समुचित कार्रवाई की जाएगी। ट्रेंचिंग ग्राउंड की जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।' - अरुण कुमार, उप नगर आयुक्त, नगर निगम, मधुबनी

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