सदर अस्पताल में नहीं है सीटी स्कैन

जमुई। सदर अस्पताल में सीटी स्कैन की सुविधा नहीं है, परंतु हाल ही में लगाए गए डिजिटल एक्सरे में भी अब तक इतने भी कोरोना पॉजिटिव मरीज का एक्सरे नहीं हुआ है, जितनी संख्या में लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। कोरोना की दूसरी लहर में जब एंटीजन जांच और आरटीपीसीआर को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है।

आरटीपीसीआर की रिपोर्ट में विलंब होने के कारण इलाज के दौरान देर होने से खतरा बढ़ने की बात भी सामने आई है। तब सीटी स्कैन और एक्सरे से डॉक्टर इलाज कर रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में जमुई के एक्स-रे लैब में जहां भारी भीड़ लगी हुई है वहीं सदर अस्पताल के एक्सरे के आंकड़े में बहुत अंतर देखा जा रहा है। नि:शुल्क होने के बाद भी सदर अस्पताल में एक्सरे कराने वालों का आंकड़ा काफी कम है। वैसे तो अस्पताल के एक्सरे संचालक और सिविल सर्जन अनावश्यक एक्सरे नहीं कराने की बात कह कर आंकड़ा कम होने पर पर्दा डाल दें रहें हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि सदर अस्पताल में आकर इलाज करा कर डॉक्टर से लाइन लग कर लिखवाने के बाद एक्स-रे कराना लोगों के लिए कठिन काम है। ऐसे में अधिक पैसा देकर भी सरलता से लोग प्राइवेट में जाकर एक्सरे कराना ही उचित समझ रहे हैं।

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कोट
सदर अस्पताल -अब तक 12 से 15 पॉजिटिव मरीजों का ही एक्स-रे किया गया है। डॉक्टर जिसे एक्स-रे कहते हैं उसका ही किया जाता है।
मोहित भगत, एक्स-रे संचालक, सदर अस्पताल
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कोट
बाहर क्या होता है इसकी जानकारी नहीं है। अस्पताल में इलाज के दौरान एक्स-रे की बजाए सीआरपी टेस्ट को प्रमुखता दी जाती है। जिसमें खून जांच से लंग्स के इंफेक्शन का पता चल जाता है। बाहर के मरीजों का अस्पताल में एक्सरे और सीआरपी नहीं होता है।
डॉ. विनय कुमार शर्मा, सिविल सर्जन, जमुई
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