आज का दिन: अब कोरोना से रिकवरी के 3 महीने बाद ही लगेगी वैक्सीन

कोरोना से बचाव के मामले में, कोविड प्रोटोकॉल के अलावा वैक्सीन ही है जो आख़िरी विकल्प नज़र आती है. अभी इस वक़्त भारत में कोरोना की दो वैक्सीन कोवैक्सीन और कोविशील्ड लगाई जा रही हैं. और किसी व्यक्ति को किसी एक ही वैक्सीन के दोनों डोज़ दिए जा रहे हैं. दुनिया के कई और हिस्सों में भी पहले यही हो रहा था लेकिन अब कई जगहों पर दो अलग-अलग वैक्सीन की अलग अलग डोज़ देना भी शुरू किया गया है. यूके को ही ले लीजिए यहां फाइजर और एस्ट्रेजेनेका की वैक्सीन को 'मिक्स एंड मैच' करने के ऊपर ट्रायल चल रहा था जिसकी फर्स्ट फाइंडिंग्स कहती है की ये असरदार रहा है. एक स्पेनिश स्टडी में ये बात सामने आई है की अगर किसी ने astrazeneca की पहली डोज ली है और दूसरी डोज के तौर पर जब उसे फाइजर की वैक्सीन लगाई गई तो वो काफी प्रभावी और सुरक्षित साबित हुई. लिहाज़ा, फ्रांस में भी जिन लोगों ने astrazeneca की पहली डोज ले ली है उन लोगों को दूसरी डोज के तौर पर फाइजर की वैक्सीन लगाई जा रही है. स्पेनिश स्टडी में करीब 670 वॉलंटियर्स जिनकी उम्र 18 से 59 के बीच में थी, इन सबने astrazeneca की वैक्सीन ले ली थी. इनमे से करीब 450 लोगों को साइज की डोज दी गई. इस स्टडी के एक लीडर डॉक्टर Magdalena Campins ने कहा है की सिर्फ 1.7 फीसदी पार्टिसिपेंट्स में severe इफेक्ट्स देखने को मिले. ऐसे में, सवाल ये उठता कितना असरदार ये वैक्सीन मिक्सिंग का तरीका?

पिछले कुछ दिनों से कोरोना की रफ्तार धीमी पड़ती दिख रही है, नम्बर्स के लिहाज़ से. रोज़ाना मामले अब पहले के मुकाबले कम आ रहे हैं, पॉजिटीविटी रेट में भी गिरावट की बात कही जा रही है. हां, मौत के आकड़े जो सामने आ रहे हैं वो चिंता का एक सबब ज़रूर हैं, लेकिन इससे इतर कई रिपोर्टस में भी ये बात निकल कर सामने आई है कि भारत में अब R-value 1 के नीचे आ चुका है. भारत सरकार ने Science Ministry के अंतर्गत Department of Science and Technology ने तीन साइंटिस्ट की एक पैनल बनाई थी. इस पैनल की मानें तो दिल्ली, यूपी समेत 13 ऐसे राज्य या केंद्र शासित प्रदेश है जहां कोरोना की पीक अब खत्म हो चुकी है वहीं दूसरी तरफ तमिलनाडु और पुदुचेरी की बात करें तो यहां आने वाले दिनों में कोरोना का पीक देखने को मिल सकता है, साथ ही पैनल का दावा है कि जुलाई के बाद से कोरोना के केसेस में डिकलाइन देखने को मिले सकता है और ये कैलकुलेशन उन्होने एक mathematical मॉडल के तहत किया है. तो क्या है ये मॉडल और इसका आधार क्या है?
अब आप घर पर ही खुद से कोविड-19 टेस्ट कर सकते हैं. ICMR ने कोविड के लिए होम बेस्ड टेस्टिंग किट को मंजूरी दे दी है, ये एक होम रैपिड एंटीजन टेस्टिंग (आरएटी) किट है. इसका यूज कोरोना के हल्के लक्षण या संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हुए लोग कर सकते हैं. हालांकि, यह टेस्टिंग किट तुरंत बाजार में उपलब्ध नहीं होगी, इसे व्यापक रूप से उपलब्ध होने में कुछ समय लगेगा. फिलहाल भारत में केवल एक कंपनी को इसकी मंजूरी दी गई है, जिसका नाम Mylab Discovery Solutions Ltd (मायलैब डिस्कवरी सॉल्यूशंस लिमिटेड) है. होम टेस्टिंग के लिए आपको एक मोबाइल ऐप भी डाउनलोड करना होगा जिसका नाम है Mylab Coviself. Google प्ले स्टोर और Apple स्टोर पर ये उपलब्ध है और इसी मोबाइल ऐप के जरिये ही पॉजिटिव और निगेटिव रिपोर्ट मिलेगी. इससे जांच में तो तेजी आएगी ही, साथ ही लोग घर बैठे ही कोरोना की जांच कर सकते हैं. तो इस टेस्ट को करने की पूरी प्रक्रिया किट और ऐप पर दी गई है. इसमें जो टेस्ट कार्ड दिया गया है उसकी फ़ोटो टेस्ट लेने के बाद आप जैसे ही ऐप पर अपलोड करेंगे. आपकी रिपोर्ट का डेटा सीधे ICMR के टेस्टिंग पोर्टल पर स्टोर भी हो जाएगा.
बुधवार को एक अहम गाइडलाइन आई, National Expert Group on Vaccine Administration for COVID-19 (NEGVAC) यानी NEGVAC की तरफ से कोरोना वैक्सीन लगाने को लेकर दिए गए सुझाव को स्वास्थ्य मंत्रालय ने कल मंजूरी दे दी, NEGVAC की तरफ से दी गई सिफारिशों में यह कहा गया था कि कोरोना से ठीक होने के बाद मरीजों को तीन महीने के बाद ही वैक्सीन की डोज दी जाए. इस सुझाव को स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है. सरकार का कहना है कि इन सिफारिशों को मौजूदा वैश्विक साक्ष्यों और अनुभवों के आधार पर मंजूरी दी गयी है. इस गाइडलाइन्स में और दूसरे मरीज़ों के लिहाज़ से और कौन सी मनाही या दिशानिर्देश दिए गए हैं ?
आज जिंदगी से संबंधित हर काम टेक्नोलॉजी से जुड़ गया है, जिससे जीवन स्तर में न सिर्फ सुधार हुआ है, बल्कि विकास को एक नई दिशा मिली है. टेक्नोलॉजी की मदद से नए-नए उपकरण बनाना और नई खोजें करना अब एक आम सी बात हो गई है. लेकिन गूगल ने टेक्नोलॉजी से जुड़ी एक ऐसी घोषणा की है जो चौकानें वाली है. गूगल ने कहा कि वह एक ऐसी चीज पर काम कर रहा है जिससे इंसान किसी भी वस्तु से बात कर पायेगा. दरअसल, गूगल ने अपने सालाना टेक इवेंट गूगल आईओ 2021 में कई सारी घोषणाएं की - जैसे 18 महीने में जीमेल से डेटा हट जाएगा, नए एंड्रायड-12 ऑपरेटिंग सिस्टम में फोन और एप के रंग बदल सकेंगे. इसके अलावा भी कई और घोषणाएं की गयी हैं, पर इससे यूज़र्स को क्या फायदा पहुंचेगा ? प्राइवेसी और डिजाइन में किस तरह के बदलाव होंगे?
इन ख़बरों पर एनालिसिस के अलावा देश दुनिया के अख़बारों से सुर्खियां और आज के दिन की इतिहास में अहमियत सुनिए. अमन गुप्ता के साथ 'आज का दिन' में

अन्य समाचार