कुछ श्रेणी के लोगों को बिना पहचान पत्र भी लगेगा टीका

जमुई। जिले में व्यापक स्तर पर चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान के तहत विभिन्न आयु वर्ग के लोगों के लिए पहचान पत्र का होना अनिवार्य है। सरकार द्वारा इस कार्य को लेकर व्यापक स्तर पर पंजीकरण की व्यवस्था की गई है ताकि टीकाकरण की सारी जानकारी एवं आंकड़े उपलब्ध हो सके।

टीकाकरण अभियान को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी निर्देश के अनुसार किसी भी व्यक्ति को कोरोना वैक्सीन के लिए आधार कार्ड, वोटर आइ कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविग लाइसेंस, पैन कार्ड एनपीआर कार्ड या पेंशन पेपर में से किसी एक पहचान पत्र का होना अनिवार्य है। स्वास्थ विभाग द्वारा जारी नए गाइडलाइन के अनुसार टीकाकरण अभियान के दौरान विशेष परिस्थिति में कुछ खास श्रेणी के लोग जिसमें बुजुर्ग, साधु संत, जेल में बंद कैदी, मानसिक अस्पतालों में भर्ती मरीज, वृद्धा आश्रम के लोग, भिखारी, पुनर्वास केंद्रों में रह रहे मरीज को पहचान पत्र के अभाव में टीका लेने से वंचित नहीं किया जाएगा। इस श्रेणी के लोग जिनके पास पहचान पत्र नहीं है वैसे लोगों को चिन्हित कर कोवीन एप के तहत पंजीकृत किया जाएगा। साथ ही टीकाकरण को लेकर विशेष सत्र का आयोजन किया जाएगा। विभाग द्वारा जारी नए गाइडलाइन के अनुसार इन श्रेणी के लोगों की पहचान करने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।

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टास्क फोर्स को दी जाएगी जिम्मेदारी
स्वास्थ विभाग द्वारा जारी नए गाइडलाइन के अनुसार ऐसे लोग जिनके पास पहचान पत्र नहीं है, उन्हें ढूंढने का काम जिले के टास्क फोर्स द्वारा की जाएगी। साथ ही अल्पसंख्यक विभाग, सामाजिक न्याय विभाग व समाज कल्याण विभाग के सहयोग से वैसे लोगों की पहचान की जाएगी। पहचान के बाद इन लोगों का कोवीन ऐप में पंजीकरण कराया जाएगा जहां लाभार्थी का नाम जन्मतिथि एवं लिग दर्ज कराया जाएगा। इसमें मोबाइल नंबर एवं पहचान पत्र की अनिवार्यता नहीं होगी। इन लोगों के सत्यापन का कार्य फैसिलिटेटर द्वारा किया जाएगा। जिला स्तर पर एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। नोडल अधिकारी उपलब्ध विवरण के अनुसार इन लोगों के लिए विशेष टीकाकरण सत्र का आयोजन करेंगे एवं सत्र के दौरान चयनित लोगों का टीकाकरण किया जाएगा।
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कोट
स्वास्थ्य विभाग द्वारा यह निर्देश विशेष परिस्थितियों में कुछ खास श्रेणी के लोगों के लिए दिया गया है। जिनके पास पहचान पत्र उपलब्ध नहीं है। इस श्रेणी के तहत जेल में बंद कैदी, भिखारी जैसे लोग आते हैं। जिन्हें प्रशासनिक स्तर पर पहचान कर विशेष सत्र के तहत टीकाकरण किया जाएगा।
डॉ. विनय कुमार शर्मा, सिविल सर्जन, जमुई
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