Cyber crime: बिना OTP के भी निकाले जा सकते हैं खाते से रुपये, कैसे बचाएं Facebook को Hacker से, जानिए महत्‍वपूर्ण टिप्‍स

भागलपुर, ऑनलाइन डेस्‍क। आज से समय में खुद को साइबर अपराधियों से बचाना काफी चुनौती है। साइबर अपराधी लगातार विभिन्‍न तरकीब से आपके खातों पर नजर रखते हैं और मौका मिलते ही खाते या कार्ड से आपके रुपये निकाल लेते हैं। हालांकि इसमें आपकी भी थोड़ी चूक होती है। बिना आपके लापरवाही के साइबर अपराधी आपको ठग नहीं सकते। इसलिए आपको काफी संभलकर बैंक खाते और कार्ड की सुरक्षा करनी चाहिए।

आपके मोबाइल और इंटरनेट मीडिया के कई एकाउंट में आपके डिटेल रहते हैं, जो असुरक्षित है। इसे बचाकर रखें। मेल आइडी से आपके बारे में सारी जानकारी प्राप्‍त की जा सकती है। आप यह भी जान लें कि बिना ओटीपी के भी बैंक खाते, डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड से रुपये निकाले जा सकते हैं। इसलिए आप संभल जाएं। यहां आपको इस संबंध में महत्‍वपूर्ण जानकारी दी जा रही है।
टीचर्स ऑफ बिहार ने रविवार को इंटरनेट मीडिया पर लाइव कार्यक्रम लेट्स टॉक का आयोजन किया। जिसमें मुख्य रूप से साइबर अपराध, खाते से रुपये निकालने, फेसबुक आईडी हैक, फ्रॉड कॉल आदि पर चर्चा हुई। इसके बचाव के उपाय बताए गए। लैपटॉप और मोबाइल फोन को भी हैकर्स से कैसे बचाकर रखें, इसकी जानकारी दी गई। इस विषय पर जानकारी देने के लिए साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ सह संस्थापक सीईओ 'साइबरोपस इंफोसेक' मुकेश चौधरी से टीचर्स ऑफ बिहार के लेट्स टॉक में आए थे।

मुकेश चौधरी ने इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म (फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, ट्विटर) के उपयोग एवं ऑनलाइन लेन-देन से संबंधित कई महत्‍वपूर्ण जानकारी दी। उन्‍होंने साइबर क्राइम के शिकार होने से हम कैसे बचें, इस बारे में बताया। उन्‍होंने कहा कि गूगल अकाउंट बनाने के क्रम में हम सभी को यह ध्यान रखना चाहिए कि सेटिंग्स में अकाउंट रिकवर करने वाले विकल्प में टू स्टेप वेरिफिकेशन के विकल्प को ही प्रथमिकता दी जाए। प्राइवेसी फैसिलिटी और सिक्योरिटी पर भी ध्यान रखें।
फेसबुक हैंकिंग के संबंध में उन्‍होंने बताया कि आप अपने फेसबुक सेटिंग्स में प्रोफाइल को लॉक करके रखे। पासवर्ड में मोबाइल नंबर का उपयोग नहीं करें। अगर आपका फेसबुक अकाउंट हैक होता है या कोई आपके अकाउंट का क्लोनिंग करता है तो सर्वप्रथम आप अपने फेसबुक अकाउंट से ही अपने उस क्लोनिंग अकाउंट पर रिपोर्ट करें। उसके बाद नजदीकी थाना में शिकायत दर्ज करें। साइबर सेल के सहयोग से अपराधियों तक पहुंचा जा सकता है। वेबसाइट www.cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराएं।
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ मुकेश चौधरी ने कहा कि कुछ ऐसे भी एप्लीकेशंस हैं जो प्लेस्टोर पर उपलब्ध नहीं हैं, फिर भी हम उसे अपने मोबाइल में डाउनलोड करते है। डाउनलोड करते वक्त हमें अलर्ट किया जाता है कि यह ऐप आपके लिए हानिकारक है, फिर भी हम उस ऐप को डाउनलोड करते ही हैं। उस परिस्थिति में उपयोगकर्ता को स्वयं सोचना चाहिए। उनको उनकी इच्छानुसार सुविधायुक्त ऐप चाहिये, ना कि किसी के सुझाव के अनुसार।
उन्‍होंने टीचर्स ऑफ बिहार से जुड़े शिक्षकों से कहा कि शिक्षक अगर चाहें तो लोगों को इस विषय पर जागरूक करके उन्हें साइबर क्राइम के शिकार होने से बचा सकते हैं।

कार्यक्रम की शुरुआत टीचर्स ऑफ बिहार (टीओबी) के फाउंडर शिव कुमार ने की। उनके साथ टीओबी के टेक्निकल टीम लीडर शिवेंद्र सुमन भी मौजूद थे। शिव कुमार और शिवेंद्र सुमन ने इस विषय जुड़े कई प्रश्‍न साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ मुकेश चौधरी से पूछे। साथ ही दर्शकों से आए ऑनलाइन प्रश्‍नों का भी मुकेश चौधरी ने जवाब दिया। इससे पहले लेट्स टॉक को मॉडरेट करते हुए टीचर्स ऑफ बिहार के फाउंडर शिव कुमार के ने देश में हो रहे साइबर क्राइम की वर्तमान स्थिति पर आधारित एक शॉर्ट वीडियो को दिखाया। इंटरनेट मीडिया के माध्‍यम से प्रसारित इस कार्यक्रम में एक हजार से ज्‍यादा लोगों ने लाइव देखा। यह वीडियो टीओबी के विभिन्‍न प्‍लेटफार्म पर अपलोड है, जहां जाकर इस संबंध में विस्‍तृत जानकारी प्राप्‍त किया जा सकता है।

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