विदेशी सर्वर बने साइबर अपराध के अनुसंधान में बाधक, मुख्‍यमंत्री को धमकी देने वाले का अब तक सुराग नहीं

रांची, राज्य ब्यूरो। राज्य ही नहीं, पूरे देश में साइबर अपराधियों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। हालांकि, पुलिस की कार्रवाई भी हो रही है, लेकिन सीमित संसाधन में जितनी कार्रवाई होनी चाहिए, वह नहीं हो पा रही है। इसकी मुख्य वजह अधिकतर सोशल नेटवर्किंग साइट्स, जी-मेल आदि का सर्वर विदेश में होना है। ऐसे सोशल नेटवर्किंग साइट्स या जी-मेल पर कोई अपराध होता है तो उससे संबंधित आइपी एड्रेस के लिए उस सर्वर की मदद ली जाती है। सर्वर को प्राथमिकी की कॉपी भेजी जाती है और डिटेल्स मांगा जाता है, लेकिन ये विदेशी सर्वर समय से मदद करते ही नहीं। सूचना देने में तरह-तरह का अड़ंगा लगा लेते हैं।

इन विदेशी सर्वर पर भारतीय पुलिस का जोर चलता ही नहीं। अब झारखंड के मुख्यमंत्री को ई-मेल भेजकर जान से मारने की धमकी, डीजीपी को चेतावनी भरा ई-मेल की ही बात करें। मुख्यमंत्री को आठ जुलाई 2020, 17 जुलाई 2020 और पांच जनवरी 2021 को धमकी भरा ई-मेल भेजा गया। ई-मेल आए दस महीने हो गए, लेकिन जिसने यह ई-मेल किया, वह अब भी पुलिस की पहुंच से बाहर है। झारखंड पुलिस की सीआइडी की टीम इस पूरे केस का अनुसंधान कर रही है। छानबीन में पता चला कि जिस ई-मेल से धमकी भेजा गया था, उसका सर्वर जर्मनी व स्विटजरलैंड में है। दोनों ही सर्वर को लगातार कई बार पत्राचार किया गया, लेकिन अब तक कोई मदद नहीं मिल सकी। यह केस अब तक अनसुलझा है।
सिर्फ मोबाइल नंबर व बैंक खाते से ही अपराधी तक पहुंचती है पुलिस
झारखंड पुलिस के पास साइबर अपराध को रोकने के लिए सीमित संसाधन है। सिर्फ मोबाइल नंबर व बैंक खाते मिलने पर ही साइबर क्राइम थाने की पुलिस अपराधी तक पहुंच पाती है। अभी हाल ही में डीजीपी नीरज सिन्हा का फर्जी फेसबुक आइडी बनाकर मैसेंजर पर रुपये मांगने वाले अपराधी लियाकत को भी पुलिस इसी विधा से पकड़ी। पुलिस को फेसबुक का आइपी एड्रेस नहीं मिला था।
लियाकत ने जिस मोबाइल नंबर पर फोन पे, गूगल पे से पैसे मांगे थे, उस मोबाइल नंबर और जिस खाते में रुपये मांगे थे, उस खाते का डिटेल्स व कोड से पुलिस उस तक पहुंची। फेसबुक का सर्वर यूएसए में होने के चलते वहां से भी आइपी एड्रेस मंगवाने में बहुत पापड़ बेलने पड़ते। सिर्फ मोबाइल नंबर व बैंक खाते की मदद से झारखंड पलिस ने एक साल में 1022 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया, जिनके पास से ठगी के 93 लाख 86 हजार 670 रुपये जब्त किए गए।
जागरूकता पर पुलिस का जोर
झारखंड पुलिस का जोर अब लोगों को जागरूक करने पर है। ट्वीट व अन्य माध्यम से पुलिस ने अपील की है कि हाल के दिनों में यह बात सामने आई है कि साइबर अपराधी फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाकर लोगों से बीमारी व इलाज के नाम पर मैसेंजर चैट के माध्यम से पैसे की मांग कर ठगी कर रहे हैं। इसलिए जरूरी है अपने फेसबुक अकाउंट को सुरक्षित कर लें। अपने प्रोफाइल फोटो को शिल्ड गार्ड करें, इसके लिए अपनी प्रोफाइल फोटो पर क्लिक कर विकल्प पर क्लिक करें और विकल्प गार्ड दिखे तो उसे क्लिक कर सेव कर दें।
इस तरह आपका प्रोफाइल फोटो सुरक्षित हो जाएगा। इस तरह आपके फोटो का कोई स्क्रीन शॉट भी नहीं ले पाएगा। फेसबुक अकाउंट को फॉर मी या ओनली मी का विकल्प दे दें। फेसबुक प्रोफाइल सेटिंग्स में जाकर ई-मेल आइडी, फोन नंबर व अन्य निजी जानकारी सुरक्षित कर लें। किसी अज्ञात व्यक्ति के फ्रेंड रिक्वेस्ट को स्वीकार नहीं करें। मैसेंजर पर पैसे मांगे जाने पर जब तक फोन कर आपने मित्र से बातचीत नहीं कर लें, तब तक कोई ट्रांजेक्शन की सोचे भी नहीं।

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