नेपाली नागरिकता अधिनियम में संशोधन अध्यादेश को मंजूरी, लोगों में हर्ष

ध्यानार्थ - नेपाली नागरिकता अधिनियम में संशोधन अध्यादेश को मंजूरी

- राष्ट्रपति विद्यादेवी भंडारी ने अध्यादेश पर किया हस्ताक्षर जासं, रक्सौल : नेपाल की राष्ट्रपति विद्यादेवी भंडारी ने नेपाली नागरिकता अधिनियम में संशोधन अध्यादेश को मंजूरी दी है। इसे लेकर लोगों में हर्ष है। दूसरी ओर नेपाल के कानून के जानकार लोग इस अधिनियम को छलावा बता रहे हैं। हालांकि यह अध्यादेश सदन से पारित हो जाए तो तो इससे नेपाल में जन्मसिद्ध नागरिकता वाले हजारों भारतीय मूल के लोगों को इसका लाभ मिल सकता है। इसमें नेपाल के नागरिकों की संतानों को वंश के आधार पर नागरिकता देने का प्रावधान है। अध्यादेश के अनुसार जिन बच्चों की मां नेपाली है और उसके पिता की पहचान स्थापित नहीं की जा सकती, उन्हें नागरिकता दी जाएगी। इसका व्यापक असर नेपाल सीमा क्षेत्र के तराई जिलों पर पड़ेगा। बहुत सी नेपाली युवतियों की शादी सीमा क्षेत्र के रक्सौल, मोतिहारी, बेतिया सीतामढ़ी, मधुबनी के अलावा देश के विभिन्न प्रदेशों में भी हुई है। सरकारी स्तर पर किन जिलों में कितनी भारतीय और नेपाली लड़कियों की शादी यहां हुई है, इसका आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। लेकिन रक्सौल अनुमंडल से सटे नेपाल के पर्सा, बारा, रौतहट, नवलपरासी, काठमांडू, नारायण घाट, विराट नगर,जनकपुर आदि जिलों में दो सौ परिवारों का शादी-सबंध है। नेपाल सरकार ने नागरिकता कानून को सहज बनाने के लिए चार दिन पूर्व अध्यादेश जारी किया है। इससे भारतीय मूल के वैसे लोगों का जिनका जन्मसिद्ध नागरिकता है। उनके बच्चों को वंशज नागरिकता प्राप्त हो सकती है। पूर्व में उन्हें नागरिकता प्राप्त करने का अधिकार नहीं था। इस अध्यादेश से जन्मसिद्ध नागरिकता वाले लोगों के बच्चे अब नेपाल की नागरिकता ले सकेंगे। नेपाल की राष्ट्रपति विद्यादेवी भंडारी ने अध्यादेश पर हस्ताक्षर किया है। उस अध्यादेश को लेकर लोगो में हर्ष है।

कानून के जानकार सिप्पू तिवारी ने ने बताया कि अध्यादेश छलावा प्रतीत होता है। पूर्व में कोर्ट ने आदेश दिया था। जिसपर रिट हो जाने से रोक लग गया। अध्यादेश को छह माह के अंदर सदन से पारित कराना आवश्यक है। जिससे संविधान संसोधन के उपरांत कानून का पूर्ण रूप लेता है। नेपाल का सदन बंद है। नागरिकता देने वाला सीडीओ यानी जिला प्रशासन का कार्यालय लॉकडाउन में बंद है। कोरोना संक्रमण काल मे निषेधाज्ञा में नागरिकता की प्रक्रिया कबतक शुरू होगी, यह कहना कठिन है। जिसको लेकर संशय की स्थिति है। लेकिन नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और उनके समर्थित दल इसका राजनैतिक लाभ लेने में लगे हैं। बता दें कि नेपाल में एक सप्ताह में दो बार सरकार बनी और विघटित हुई है। जिसके बाद नेपाल में आगामी माह नवंबर में मध्यावधि चुनाव होने की संभावना है।
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