मझुआ कांड के लिए स्थानीय प्रशासन जिम्मेदार : कांग्रेस

पूर्णिया। कांग्रेस पार्टी ने मझुआ कांड के लिए स्थानीय प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। कहा, स्थानीय प्रशासन ने पूर्व जानकारी रहते हुए भी जरूरी कदम नहीं उठाया। वहां कुछ दिन पहले भी झगड़ा हुआ था और स्थिति तनावपूर्ण बना हुआ था। समुचित समाधान के लिए ठोस उपाय नहीं किए गए। स्पष्ट है कि स्थानीय प्रशासन अपने कार्यों के प्रति लापरवाह था। इसका परिणाम यह हुआ कि इतनी बड़ी घटना घट गई। अब इसे सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा है। एसडीओ, डीएसपी और थानेदार संयुक्त रूप से इसके लिए जिम्मेवार है। केवल थानेदार को निलंबित करना उचित नहीं है। सभी लोगों पर एक समान कार्रवाई होनी चाहिए। इस घटना में संलिप्त लोगों की स्पीड ट्राई कर सजा दी जानी चाहिए। पीड़ित परिवारों को संपूर्ण सहायता के अलावे सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए। पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष रंजन सिंह, आ श नारायण, चौधरी मोहम्मद अलीमुद्दीन, कार्यानंद कुमार, जिला महासचिव गौतम वर्मा, जवाहर किशोर उर्फ रिकू यादव, अफरोज खान आदि ने बयान जारी कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। मझुआ की घटना को बताया दुर्भाग्यपूर्ण

यास ने बिगाड़ा मौसम, आज और कल हो सकती है तेज बारिश यह भी पढ़ें
बहुजन क्रांति मोर्चा के प्रमंडलीय प्रभारी प्रोफेसर आलोक कुमार ने बायसी अनुमंडल के मझुआ ग्राम में 19 मई को घटित घटना जिसमें अनुसूचित जाति के 13 परिवार के घरों में आगजनी एवं एक सदस्य पूर्व के सेवा निर्मित चौकीदार नेवालाल राय की हत्या को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। घटना को स्थानीय प्रशासन की लापरवाही एवं पुलिस की निष्क्रियता का परिणाम बताया है। प्रोफेसर कुमार ने जिला पदाधिकारी एवं आरक्षी अधीक्षक से पीड़ित परिवार की सुरक्षा एवं पुनर्वास की व्यवस्था तत्काल प्रभाव से करने की मांग किया है। जिला प्रशासन के द्वारा अविलंब पीड़ित परिवार को सुरक्षा के साथ-साथ एससी- एसटी अत्याचार अधिनियम के तहत मुआवजा राशि आवंटन कर मामले में दोषी लोगों की गिरफ्तारी की सराहना किया है। प्रोफेसर कुमार ने कहा कि यह मामला पूर्व से चले आ रहे भूमि विवाद से जुड़ा हुआ है। स्थानीय दबंग भूस्वामी द्वारा मजमा बनाकर गरीब अनुसूचित जाति के परिवार पर हमला किया गया है। जो स्थानीय पुलिस प्रशासन की विफलता का दुष्परिणाम है। प्रोफेसर आलोक ने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा घोषित नीति जिसमें प्रत्येक अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्ग को भूमि आवंटित कर पुनर्वास करने की योजना है, पूर्णिया जिले में विफल साबित हो रहा है। जिसके चलते जिले में इस तरह की घटना बराबर होती रहती है।
शॉर्ट मे जानें सभी बड़ी खबरें और पायें ई-पेपर,ऑडियो न्यूज़,और अन्य सर्विस, डाउनलोड जागरण ऐप

अन्य समाचार