खाद की कालाबाजारी पर रखी जा रही निगरानी

किशनगंज। बेहतर फसल उत्पादन के लिए किसान अपने खेतों में खाद का उपयोग करते हैं। जिससे कि लागत की तुलना में फसल उत्पादन अधिक हो सके। इसके लिए जिला मुख्यालय से लेकर प्रखंड और पंचायत स्तर तक खाद की बिक्री की जाती है। ताकि किसान अपने सुविधानुसार घर के निकटवर्ती दुकानों से खाद की खरीदारी कर लें। हालांकि खाद की कालाबाजारी का मामला अक्सर सामने आता रहता है। इसे लेकर कृषि विभाग द्वारा इस बार विशेष तौर निगरानी रखी जा रही है।

जिले में खाद की उपलब्धता की मात्रा बिलकुल सही है। किसान को खाद भी सही मूल्य पर उपलब्ध हो रहे हैं। अप्रैल माह में खाद की उपलब्धा इस प्रकार रही। यूरिया 3591.54 एमटी, डीएपी 15.1 एमटी और एनपीके 358 एमटी है। साथ ही एमओपी 136.100 एमटी, एसएसपी 135.55 एमटी उपलब्ध है। खाद दुकानों पर खाद की बिक्री नियम-कानून के तहत करवाए जा रहे हैं। लेकिन कहीं-कहीं चोरी छिपे खाद के कालाबाजारी करने की खबर भी मिलते रहते हैं। किसान आबिद आलम ने बताया कि कभी-कभी यूरिया खाद सही मूल्य पर नही मिल पाते हैं। जरुरत के समय अधिक मूल्य देने पड़ते हैं। इससे खाद की खरीदारी करने में थोड़ी कठिनाई अवश्य हो जाती है। किसान रंजीत कुमार ने बताया कि एनपीके खाद समय पर उपलब्ध नहीं हो पाता है। इस वजह से खेती के लिए एनपीके खाद के लिए अधिक कीमत देने पड़ते हैं।
विवाहिता को मारपीट कर घर से निकाला यह भी पढ़ें
-------
किसानों को हमेशा ही खाद उचित मूल्य पर उपलब्ध करवाए जाते हैं। जिससे कि किसान बेहतर ढंग से खेती कर अधिक फसल उत्पादन करने में सक्षम हो। अगर किसी खाद दुकानदार द्वारा खाद की कालाबाजारी की जाती है तो किसान इसकी सूचना प्रखंड कृषि पदाधिकारी या जिला कृषि कार्यालय को दे सकते हैं। इसके अलावा लगातार खाद दुकानों का निरीक्षण किया जाता है। साथ ही सख्त निर्देश दिए गए हैं कि खाद की बिक्री में अनियमितता बरतने वाले खाद दुकानदारों के लाइसेंस रद कर दिए जाएंगे।
- प्रवीण कुमार झा, जिला कृषि पदाधिकारी।
शॉर्ट मे जानें सभी बड़ी खबरें और पायें ई-पेपर,ऑडियो न्यूज़,और अन्य सर्विस, डाउनलोड जागरण ऐप

अन्य समाचार