कोरोना ने लगाया नीरा उत्पाद बेचने की योजना पर ग्रहण

जमुई। बिहार में शराबबंदी के बाद ताड़ी पीने व बेचने पर भी प्रतिबंध लगा है। सरकार के इस फैसले से ताड़ी व्यवसाय से जुड़े लोगों के समक्ष रोजी रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई। तब इनलोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य नीरा को प्रोसेसिग कर शीतल पेय, गुड़, पेड़ा आदि नीरा उत्पाद बनाने तथा इसकी बिक्री की योजना को धरातल पर उतारा गया।

इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को प्रशिक्षित करने तथा उत्पादों की बिक्री के लिए प्रखंड में बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति (जीविका) को जिम्मेदारी दी गई। 2018 में ही जीविका द्वारा संपोषित महिमा जीविका नीरा उत्पादन समूह द्वारा सोनो चौक पर नीरा उत्पाद बिक्री केंद्र का उद्घाटन किया गया, लेकिन उद्घाटन के बाद से कभी भी यहां नीरा उत्पादों की बिक्री नहीं हुई। हालांकि इस मौके पर जीविका के प्रखंड परियोजना पदाधिकारी तरुण कुमार ने बताया था कि नीरा के लिए ताड़ी उत्पादन से जुड़े लोगों को जीविका द्वारा प्रोत्साहित किया जा रहा है।नीरा उत्पादों की बिक्री कर ये लोग अच्छी आय प्राप्त कर सकते हैं तथा इन उत्पादों को बेचने के लिए प्रखंड मुख्यालय में दो स्टॉल लगाए जाएंगे, जहां नियमित रूप से नीरा उत्पादों की बिक्री की जाएगी। फिलहाल कोरोना संक्रमण ने सारी योजनाओं पर ब्रेक लगा दिया है।सारी योजनाएं फाइलों में ही गुम होकर रह गई है। उद्घाटन तो जरूर हुआ पर प्रखंड में अब तक एक भी नीरा उत्पाद बिक्री केंद्र नहीं खुल सका।लिहाजा लाखों रुपए की लागत की नीरा प्रोसेसिग मशीन, हस्तचालित वातानुकूलित रिक्शा आदि तकरीबन पिछले दो सालों से बेकार पड़ी है तथा जीविका के सीएलएफ की शोभा बढ़ा रही है।

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कोट
जीविका के नीरा उत्पाद समूह के सदस्यों का ओरियंटेशन के बाद नीरा उत्पादों की बिक्री प्रारंभ की जानी थी,लेकिन लॉक डाउन के कारण योजना प्रारंभ नहीं हो सकी।
तरुण कुमार, प्रखंड परियोजना प्रबंधक, जीविका।
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