बच्चों की शिक्षा पर लगा ग्रहण, शैक्षणिक माहौल हुआ शिथिल

संसू सिकटी (अररिया): कोरोना संकट और लॉकडाउन के चलते सभी स्कूल-कॉलेज बंद हैं। कोराना त्रासदी आर्थिक विपन्नता से लेकर शैक्षणिक ह्रास तक को नहीं छोड़ा। सरकार की तरफ से ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था की गई है लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के पास स्मार्टफोन और इंटरनेट की सुविधा के अभाव के कारण वो इसका लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। ऑनलाइन शिक्षा की यह सुविधा शहरी क्षेत्रों के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों तक तो पहुंच रही है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों से यह अभी भी कोसों दूर है। 2020 से शैक्षणिक ह्रास से हुए बच्चों के भविष्य पर लगे विराम की अभी तक भरपाई नहीं की जा सकी है। सिकटी प्रखंड में 54 मध्य वि तथा 95 प्रा वि है। यहां ऑनलाईन क्लास की बात करें तो पढ़ाई करने वाले बच्चे और अभिभावक इसके लिए कम हीं उपयुक्त जान पड़ते हैं।


प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी उमाकांत ओझा ने बताया कि कोविड महामारी में हुए शैक्षणिक ह्रास को पाटने के लिए एससीईआरटी पटना द्वारा विशेषज्ञों के समूह ने कैचअप कोर्स का निर्माण कर एवं प्रशिक्षित कर तीन महीने के अंदर बच्चों को संबंधित वर्ग की तैयारी कराकर प्रोन्नति देने के लिए कमर कसा हीं था कि कोरोना की दूसरी लहर हावी हो गई और तैयारिया अधर में लटक गई। फिर भी डिजिटल माध्यम के द्वारा कमी को पाटने की कोशिश की जा रही है। स्थिति सामान्य होने के बाद इनको और विशेष रूप से लागू कर कम समय में बच्चों को शैक्षणिक गुणवत्ता प्रदान किया जाएगा। इसके लिए विभाग पूरी तरह तत्पर है।
प्रखंड साधन सेवी ने बताया कि गत वर्ष भी कोरोना को लेकर बच्चों की पढ़ाई बाधित रही। कैचअप कोर्स के माध्यम से पूरा करने की तैयारी थी लेकिन समय के अभाव में तैयारी अधूरी रह गई। महामारी को देखते हुए शैक्षणिक व्यवस्था को ऑफ लाईन बनाना सरकारी गाइडलाइन के विरुद्ध है। इसके लिए सरकारी तौर पर ऑन लाईन पुस्तक बिहार शिक्षा परियोजना परिषद पटना के साइट पर ई-लोट्स टीम के माध्यम से उपलब्ध है।
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