मैसेंजिंग एप टेलिग्राम पर साइबर अपराधियों की नजर, खुलेआम बिक रहा है लाखों लोगों से जुड़ा डाटा

साइबर अपराधियों की नजर अब मैसेंजिंग एप टेलिग्राम पर है। साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर ने खुलासा किया है कि लाखों लोगों का प्राइवेट डाटा टेलिग्राम के उन ग्रुप्स में शेयर किया जा रहा है, जिनसे हजारों मेंबर्स जुड़े हुए हैं। वीपीएन मेंटोर के रिसर्चर के मुताबिक, साइबर अपराधी टेलिग्राम को बड़े डाटा लीक को शेयर करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। जिसके चलते लाखों लोग ऑनलाइन धोखाधड़ी, हैकिंग और साइबर अटैक का शिकार हो सकते हैं।

नार्टनलाइफलॉक की जांच में भी टेलिग्राम पर गैरकानूनी मार्केटप्लेस चलने का सबूत मिला है। साथ ही इस एप पर लोगों का व्यक्तिगत डाटा, पायरेटेड सॉफ्टवेयर और फेक आइडी तक बिक्री के लिए उपलब्ध है।
इस तरह लगाया पता
वीपीएनमेंटोर के रिसर्चर ने टेलिग्राम पर होने वाली आपराधिक गतिविधियों का पता लगाने के लिए कई ग्रुप्स और चैनल को ज्वाइन किया। उन्होंने पाया कि हैकर डाटा को खुलेआम पोस्ट कर रहे हैं। इनमें से कुछ ग्रुप्स तो ऐसे हैं, जिनके सदस्यों की संख्या दस हजार के पार है।
डार्क वेब की तुलना में ज्यादा आसान और सुरक्षित
आम तौर पर डाटा की इस तरह की बिक्री के लिए हैकर डार्क वेब का इस्तेमाल करते हैं। डार्क वेब यानी वेब दुनिया का ऐसा हिस्सा जिसमें ऑनलाइन कंटेंट सर्च इंजन की सूची में नहीं आते हैं। हालांकि टेलिग्राम पर बिक्री के भी कई फायदे हैं। जिसमें सदस्यों की निजता की सुरक्षा करना भी है। साथ ही टेलिग्राम पर डार्क वेब की तुलना में ज्यादा आसान और सुरक्षित है। साथ ही यह डिस्ट्रिब्यूटेड डिनायल ऑफ सर्विस के अटैक को झेलने में भी सक्षम है।
सीमित कदम उठाए गए
टेलिग्राम पर इस तरह की चीजों को रोकने के लिए कुछ कदम उठाए गए हैं। वीपीएनमेंटोर की रिपोर्ट के अनुसार, यह कदम सीमित हैं और इससे कोई खास फर्क देखने को नहीं मिला है।

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