मझुआ घटना के दोषी पुलिस पदाधिकारी के रहते निष्पक्ष जांच नहीं है संभव

पूर्णिया। मझुआ घटना में पुलिस की सुस्त कार्रवाई पर विश्व हिदू परिषद उत्तर बिहार ने असंतोष व्यक्त किया है। विहिप बजरंगदल उत्तर बिहार प्रांत मंत्री राजकिशोर सिंह ने मझुआ कांड में पुलिस की जांच, गिरफ्तारी, कार्रवाई पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस ने घटना के 10 दिन बीत जाने के बावजूद 200 में सिर्फ 12 को ही गिरफ्तार कर पाई है। जो सिर्फ खानापूर्ति के उद्देश्य से किया गया है। विहिप प्रांत एवं केंद्र स्तर से भी इस घटना पर नजर रख रही है और आगे की रणनीति तैयार की जा रही है।

विहिप, बजरंगदल उत्तर बिहार के प्रांत मंत्री राजकिशोर सिंह, जिलाध्यक्ष पवन कुमार पोद्दार, मंत्री रवि भूषण झा, उपाध्यक्ष ब्रजभूषण सिंह, सह मंत्री मनीष कुमार भारती ने संयुक्त रूप से कहा कि मझुआ महादलित हत्या, लूट, आगजनी कांड में तीन प्राथमिकी में 61 नामजद और 150 अज्ञात को आरोपी एवं अभियुक्त बनाया गया है। सभी आरोपी आस पास के गांव से हैं। घटना 19 मई की है। इसके बावजूद अभी तक पुलिस मात्र दस नामजद और दो अज्ञात को ही गिरफ्तार कर पाई है। महादलित टोला का ही मुख्य अभियुक्त साकित, इब्राहिम आदि अब भी पुलिस की पहुंच से बाहर है। आरोपियों को बचाने के उद्देश्य से धीमी गति से जांच एवं गिरफ्तारी की कार्रवाई की जा रही है। जबकि विहिप पूर्व में ही त्वरित कार्रवाई हेतु वरीय पुलिस पदाधिकारी को आवेदन दे चुकी है। पुलिस मामले की लीपापोती में लगी हुई है। घटना के दोषी पुलिस पदाधिकारी को बनाए रखकर आरोपियों को बचाने का षड्यंत्र किया जा रहा है। प्रमंडल एवं जिला के आला पुलिस पदाधिकारी किसी न किसी खास उद्देश्य से इनका बचाव करते हुए इन्हें घटना का जांच एवं पर्यवेक्षण अधिकारी बनाए हुए हैं! इनके रहते निष्पक्ष जांच एवं कार्रवाई संभव नहीं है। जबतक सभी नामजद एवं अज्ञात नामित आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती है, तबतक विहिप बजरंगदल चुप नहीं रहेगी। यदि ऐसा ही सुस्त एवं लापरवाही पूर्ण रवैया रहा तो बहुत बड़ा आंदोलन पूर्णिया पुलिस एवं प्रशासन के खिलाफ किया जाएगा। तब इसकी सारी जवाबदेही प्रशासन एवं सरकार की होगी। विहिप बजरंगदल पीड़ित परिवार को न्याय एवं आरोपियों पर कार्रवाई कर सजा दिलाने के लिए कटिबद्ध है।

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