होम आइसोलेशन में राहत दे जाती थी आवाज जब कहा जाता.. मैं डॉक्टर बोल रहा हूं

पूर्णिया [दीपक शरण]। होम आइसोलेशन जैसे शब्द अब आम हो चुके हैं लेकिन इस समय को गुजारना आम बात नहीं है। रिकवरी के बाद लोग बताते हैं कि यह किसी बुरे सपने से कम नहीं था। काफी चुनौतीपूर्ण था। इस दौरान छोटी -छोटी सलाह भी भगवान की सलाह लगती थी। जिले में ऐसे दस हजार संक्रमितों को दूरभाष पर चिकित्सकीय टीम ने सलाह और मेडिकल गाइडलाइन पिछले दो माह के दौरान पहुंचाई। आदित्य कुमार ने बताया कि हां मैं डॉक्टर साहब बोल रहा हूं आप कैसे है। ऐसी आवाज फोन पर होम आइसोलेशन में सुनना काफी राहत भरा लगता था। मानो कोई ख्याल रख रहा हो।


महेश लाल ने बताया कि होम आइसोलेशन के दौरान उन्हें भी कॉल आया था। तबीयत के बारे में विस्तार से पूछ गया और आवश्यक सलाह दी गई।
चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. एनके झा ने बताया कि जब दूरभाष पर घर में एकांतवास मरीजों से बात की जाती है तो वे काफी भावुक हो जाते है। वह सीधा सवाल पूछते है डॉक्टर साहब रिकवर हो जाएंगे ना कुछ होगा तो नहीं। ऐसे सवाल का अंतहीन सिलसिला रहता है। चिकित्सक के लिए इन सबका सामना करना भी सरल नहीं होता है। डॉ. बागेश्वर बताते हैं कि मेडिकल गाइडलाइन के साथ उन्हें भावनात्मक स्तर पर भी काउंसलिग करनी पड़ती है। मेडिकल किट, स्वच्छता, दवा, पल्स, ऑक्सीजन लेवल, ब्लड प्रेशर, मधुमेह, सांस संबंधित परेशानी आदि कुछ ऐसे सवाल रहते है जो सभी मरीजों से पूछा जाता है। एक -एक मरीज से बात करना और उन्हें संतुष्ट करना सरल नहीं होता है। दस में छह से सात मरीज को हल्की परेशानी रहती है उन्हें मानसिक सपोर्ट की आवश्यकता होती है। दो से तीन मरीजों में मध्यम लक्षण होते हैं उन्हें अपने ऑक्सीजन लेवल की निगरानी रखनी सलाह दी जाती है। गंभीर होने पर मरीज को तुरंत एंबुलेंस भेजकर अस्पताल में भर्ती कर दिया जाता है। आम तौर पर होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों में दस में एक या दो को अस्पताल में भर्ती करने की नौबत आती है। नियंत्रण कक्ष सह काउंसलिग केंद्र से दी जा रही है सलाह -:
जिले में 13 हजार से अधिक लोग कोरोना पॉजिटिव हो चुके है। इसमें अधिकांश लोग अब ठीक हो चुका है। 90 फीसद लोगों ने होम आइसोलेशन में इस बीमारी को हराने में सफलता हासिल की। इस दौरान उनके साथ सदर अस्पताल के चिकित्सकीय टीम एक कॉल पर 24 घंटा उपलब्ध रही। समय -समय पर फोन किया। नियंत्रण कक्ष पर फोन को रिसिव किया और सलाह दी। दस फोन लाइन पर तीन चिकित्सक और 15 ऑपरेटर 24 घंटा सेवा में मौजूद रहते है। 94335 फोन कॉल किया गया। 4 हजार 996 फोन करने वालों को सलाह दी गई। वीडियो कॉल की संख्या 4 हजार 543 है।
364 लोग होम आइसोलेशन में -:
अब जिले में संक्रमण में काफी तेजी गिरावट दर्ज की गई है। सक्रिय मरीजों में अब 364 लोग होम आइसोलेशन में है। 12737 लोग रिकवर हो चुके है। जिले में 86 मेडिकल टीम अभी कोविड मरीजों के उपचार और लक्षण वाले मरीजों की पहचान के लिए लगे हुए है। कंटेंनमेंट जोन में 33,384 लोगों की जांच मेडिकल टीम ने अब तक की है। वर्तमान में सदर अस्पताल में 32 कोरोना मरीज भर्ती है। बनमनखी में दो, 99 कोरोना के मरीज निजी अस्पताल में भर्ती है। 133 लोगों को निजी और सरकारी अस्पताल में उपचार चल रहा है।
शॉर्ट मे जानें सभी बड़ी खबरें और पायें ई-पेपर,ऑडियो न्यूज़,और अन्य सर्विस, डाउनलोड जागरण ऐप

अन्य समाचार