लावारिस बाइक को देख थानाध्यक्ष समझ गए थे कि कुछ अनहोनी हुई है

खगड़िया । जदयू नेता व मत्स्यजीवी सहयोग समिति के मंत्री अशोक सहनी के अपहरण की जानकारी पुलिस को ससमय हो जाती तो संभव था कि उसकी जान बचाने को पुलिस सक्रिय हो जाती। अपहरण की जानकारी अशोक के स्वजन को थानाध्यक्ष रंजीत कुमार ने ही दिया था। लॉकडाउन का समय है। अक्सर सड़क पर कम वाहन ही चलती है। सड़क सूनसान रहता है। दिन के 11-12 बजे के बीच अक्सर सड़क खाली ही रहता है। लोग भी कोविड के भय से घर में रहते हैं। इस कारण अपराधी को मौका मिल गया और जब तक स्वजन व पुलिस समझ पाती उनकी हत्या कर दी गई। पुलिस सूत्रों की माने तो थानाध्यक्ष खुद गश्ती को जा रहे थे तो कोठिया ढाला से पहले लावारिश हालात में बाइक देखकर संदेह हुआ। करीब पुलिस को एक घंटा यह पता करने में लग गया कि किनकी बाइक है। जब बाइक का पता चला तो पुलिस ने ही अशोक की पत्नी शिवानी को फोन कर बताया कि अशोक की बाइक लावारिश मिली है अशोक कहां है। तब उनकी पत्नी को समझते देर नहीं लगा। पत्नी ने पुलिस को बताया कि वे जलकर देखने गए थे अब तक नहीं आए हैं। तब अपहरण की आशंका पर पुलिस की सक्रियता बढ़ गई। दरअसल अपहर्ता ने भी चकमा दिया। कार से अशोक को लेकर गया इसलिए तत्क्षण पता नहीं चला कि वह किस ओर गया होगा। एसपी अमितेश कुमार के आदेश पर एसडीपीओ सुमित कुमार के नेतृत्व में कई थानों की टीम को सक्रिय किया गया। रात होती गई और आशंका बढ़ती गई। सोमवार की दोपहर जब एक गडढा से अशोक का शव बरामद हुआ तो समझते देर नहीं लगा कि अपहर्ताओं की मंशा केवल उनकी हत्या करने की थी। बहरहाल, उनकी निर्मम हत्या से हर कोई दुखी है। सभी इस निर्मम हत्या में शामिल अपराधियों की अविलंब गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। पुलिस का भी प्रयास है कि गिरफ्तार दो आरोपियों के अलावा भी घटना में शामिल मुख्य आरोपित अविलंब गिरफ्तार हो। इसको लेकर कारगर कदम भी उठाए जा रहे हैं।


शॉर्ट मे जानें सभी बड़ी खबरें और पायें ई-पेपर,ऑडियो न्यूज़,और अन्य सर्विस, डाउनलोड जागरण ऐप

अन्य समाचार