सौ बसंत पूरा कर चुके सिकंदरा अस्पताल की नहीं सुधरी दशा

जमुई। करोड़ों की लागत से सिकन्दरा में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाकर उसकी दशा सुधारने की योजना बनी थी। बहरहाल, इससे अस्पतालों की चमक-दमक तो बढ़ी, लेकिन उपचार की सुविधाएं जस की तस बनी। वर्ष 1917 में सिकन्दरा में स्थापित अस्पताल अपना सौवां बसंत पूरा कर चुका है।

प्राथमिक से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा तो प्राप्त कर लिया फिर भी यहां अभी भी सीएचसी चिकित्सीय सुविधाएं मरीजों को नहीं मिल पा रही है। इस अस्पताल में मरीजों का इलाज भगवान भरोसे ही चल रहा है। चिकित्सा सुविधाओं के नाम पर इस अस्पताल की स्थिति बेहद खराब है। जरूरी संसाधनों के अभाव में मरीजों में से अधिकतर को रेफर कर दिया जाता है। यहां डाक्टरों की संख्या भी मरीजों के हिसाब से बहुत कम है। 2011 की जनगणना के अनुसार प्रखंड के लगभग दो लाख की आबादी पर मात्र चार चिकित्सक कार्यरत हैं। उसमें भी प्राय: चिकित्सक गायब रहते हैं। अस्पताल में डॉक्टर न होने के कारण मरीजों को प्राइवेट डॉक्टरों या फिर ग्रामीण चिकित्सकों से इलाज कराने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। खबर के मुताबिक 30 बिस्तरों के इस अस्पताल में प्रतिदिन 200 से अधिक ओपीडी मरीज आते हैं। वहीं डॉक्टरों की बात करें तो फिजिशियन, सर्जन, शिशु रोग विशेषज्ञ, महिला व प्रसूति रोग विशेषज्ञ सहित अस्पताल में कुल 12 पद हैं। अस्पताल में सर्जन नहीं होने पर परिवार नियोजन में अस्पताल प्रशासन बाहर के डॉक्टर बुलाकर करवाने का दम भर रहा है। मरीजों की मानें तो अस्पताल में पहले जहां 3 से 4 बजे तक ओपीडी चलता था, अब उसका समय मात्र दो घंटे हो गया है। जिसके कारण कितने मरीजों को लाइन में लगने के बाद भी डॉक्टर को दिखाए बिना ही लौटना पड़ता है। अस्पताल में आसपास के कस्बे सहित दर्जनों गांव के मरीज अस्पताल तो आते हैं, लेकिन डॉक्टरों से अपना इलाज नहीं करा पाते।
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अस्पताल में स्वीकृत बल के विरुद्ध कार्यरत की सूची
चिकित्सक के पदों की संख्या- 12 ---कार्यरत- 07
पुरुष चिकित्सक- 02
महिला चिकित्सक-02
संविदा चिकित्सक-03
एएनएम-56--- कार्यरत-27
जीएनएम-07
ड्रेसर-03--कार्यरत -00
फर्मासिस्ट-03-कार्यरत-01
स्वास्थ्य प्रशिक्षक-02 कार्यरत -00
वार्ड एटेंडेंट -03 कार्यरत-01
महिला व प्रसूति रोग विशेषज्ञ-01 कार्यरत -00
सर्जन -01-कार्यरत -00
मूर्छा चिकित्सक-01 कार्यरत-00
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कोट
अस्पताल की विधि व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा रहा है। लापरवाह चिकित्सक को लेकर वरीय पदाधिकारी को सूचित किया गया। फिलहाल, सभी स्वास्थ्य कर्मी सरकार के अभियान को गति देने में लगे हैं।
- डॉ. खुश्तर आजमी, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, सिकंदरा
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