पौधा लगाना, पेड़ बचाना संकल्प के साथ अगली पीढ़ी को स्वच्छ हवा का देना है सौगात

जमुई। वट सावित्री पूजन के दिन पौधारोपण करने वाली महिलाएं बरगद पेड़ की कमी के कारण निराश थी। बिहारी मंदिर परिसर में पौधारोपण करने वाली सुहागन स्वीटी कुमारी, सिधू सिंह, सुषमा सिंह, काजल कुमारी, गूंजा देवी तथा गणपति मंदिर परिसर में पौधारोपण करने वाली सुहागन नीतु कुमारी, सुमन कुमारी, संगीता आचार्या ने कहा कि हम अपने बुढ़े-बुजुर्ग से सुनती आई हैं कि वह घर के बगल के बरगद स्थित पेड़ में पूजा करती थी। बहुत भीड़ भी नहीं होती थी। कितु अब शहर में बरगद का पेड़ ढूंढना पड़ता है। भीड़ के बीच पूजा करनी पड़ती है। यह स्थिति बता रही है कि हमारी कुछ पीढि़यां पौधारोपण को लेकर उदासीन रहे। एक-एक कर पेड़ कटता गया और वे खामोश रहे। उनकी खामोशी आज परेशानी बनी हुई है। इसलिए हमलोग अपनी आने वाली पीढ़ी को इस समस्या से जूझने नहीं देंगे। पौधारोपण के साथ-साथ पेड़ की रक्षा भी की जाएगी। महिलाओं ने कहा कि वैसे पौधारोपण को लेकर जागरूकता आई है, लेकिन इसे आदत में शुमार करना होगा। उन्होंने बताया कि शहरीकरण के बाद घर पर घर बनता गया पर पेड़-पौधों की कमी होती गई। अब हालात यह है कि घनी आबादी में ऑक्सीजन की कमी हो रही है। प्रकृति ने ऑक्सीजन उत्सर्जक के रूप में बरगद, नीम, पीपल आदि पेड़ दिए हैं, लेकिन जिस अनुपात में जनसंख्या बढ़ी उस अनुपात में पेड़ नहीं बढ़े बल्कि कम ही होते गए। नगर परिषद या प्रशासनिक स्तर से प्रयास होना चाहिए कि कॉलोनियों के बीच कम से कम एक-दो पॉर्क हो जहां बरगद, पीपल, नीम के पेड़ हों। इससे ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी और प्रदूषण का स्तर भी कम होगा। सुहागनों ने कहा कि हमने तो पेड़ की रक्षा का संकल्प ले लिया अब बारी आपकी है। पौधा लगाएं, पेड़ बचाएं और अगली पीढ़ी को स्वच्छ हवा दें।


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